दीपावली
ऐ दीवाली इस बार की ऐसे आना
हम सभी के जीवन पथ को तुम महकाना
ख्वाब जो देखा हमने है इस दुनिया में
उनको पूरे कर हमको हर्षित कर जाना।
ऐ दीवाली ..................
नई चाह जो हमने तय की नए-नए अरमान लिए
बनने को हर पल कुछ अच्छा दीपक से हैं ज्ञान लिए
तुम आशाओं को हम सबकी ना झुठलाना।
ऐ दीवाली .................
सोच रखा है हमने हम कुछ बन जाएँगे
लौ से तेरी आभा अपनी चमकाएँगे
असफलता हो दूर देकर अंधकार से मुक्ति
सतत सफलता का वरदान हमें दे जाना
फिर इस चमन में महकेगी जिन्दगी बनके गुलाब
पा लेगें वो सब कुछ जो हमको है पाना।
ऐ दीवाली .....................
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
हम सभी के जीवन पथ को तुम महकाना
ख्वाब जो देखा हमने है इस दुनिया में
उनको पूरे कर हमको हर्षित कर जाना।
ऐ दीवाली ..................
नई चाह जो हमने तय की नए-नए अरमान लिए
बनने को हर पल कुछ अच्छा दीपक से हैं ज्ञान लिए
तुम आशाओं को हम सबकी ना झुठलाना।
ऐ दीवाली .................
सोच रखा है हमने हम कुछ बन जाएँगे
लौ से तेरी आभा अपनी चमकाएँगे
असफलता हो दूर देकर अंधकार से मुक्ति
सतत सफलता का वरदान हमें दे जाना
फिर इस चमन में महकेगी जिन्दगी बनके गुलाब
पा लेगें वो सब कुछ जो हमको है पाना।
ऐ दीवाली .....................
रचयिता
अरविन्द कुमार सिंह,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय धवकलगंज,
विकास खण्ड-बड़ागाँव,
जनपद-वाराणसी।
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