गोवर्द्धन पूजन

अन्नकूट पर 56 भोग बनें,
भगवान कृष्ण का पूजन करें।
अन्नकूट का अर्थ जान लो,
अन्नों का समूह मान लो।

द्वापर युग की कहानी सुनो,
गोवर्धन पूजा की कहानी सुनो।
इंद्र देव को अभिमान आया,
7 दिन लगातार पानी बरसाया।

कृष्ण भगवान ने अहंकार मिटाया,
गोवर्धन पर्वत उँगली पर उठाया।
जनता की रक्षा का कदम उठाया,
दिव्य शक्ति का आभास कराया।

इंद्रदेव को क्षमा याचना करनी पड़ी,
बृजवासियों की जान बचानी पड़ी।
वहीं से यह शुरुआत हुई,
गोवर्धन पूजा शुरू हुई।

जमीन पर गोबर से आकृति बनाएँ,
गोवर्धन पर्वत, गायों को शीश झुकाएँ।
कान्हा जी सभी पर कृपा बरसाएँ,
गोवर्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।

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