धनतेरस
धनतेरस का त्योहार आज,
दीवाली की होती शुरुआत।
धनतेरस के दिन समुद्र मंथन हुआ था,
इस दिन धन्वन्तरि का जन्म हुआ था।
धन्वन्तरि अमृत कलश ले प्रकट हुए,
अमृत का पान कर देवता अमर हुए।
धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हुए,
मानसिक, शारिरिक स्वास्थ्य बना रहे।
धन्वन्तरि संग कुछ और भी करें,
लक्ष्मी, गणेश, कुबेर पूजन भी करें।
भय, शोक से मुक्ति दिलाए,
धन धान्य से पूर्ण कराए।
मनुष्य को निरोगी काया मिले,
सभी को लम्बी आयु मिले।
धनतेरस पर खुशियाँ आएँ,
सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
दीवाली की होती शुरुआत।
धनतेरस के दिन समुद्र मंथन हुआ था,
इस दिन धन्वन्तरि का जन्म हुआ था।
धन्वन्तरि अमृत कलश ले प्रकट हुए,
अमृत का पान कर देवता अमर हुए।
धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हुए,
मानसिक, शारिरिक स्वास्थ्य बना रहे।
धन्वन्तरि संग कुछ और भी करें,
लक्ष्मी, गणेश, कुबेर पूजन भी करें।
भय, शोक से मुक्ति दिलाए,
धन धान्य से पूर्ण कराए।
मनुष्य को निरोगी काया मिले,
सभी को लम्बी आयु मिले।
धनतेरस पर खुशियाँ आएँ,
सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
Comments
Post a Comment