५८- सुमन लता यादव, प्रा० वि० कुँवरपुर बनवारी,छिबरामऊ, कन्नौज

मित्रो मिशन संवाद के अनमोल रत्नों के परिचय में आज हम आपको जनपद कन्नौज की बहन सुमन लता यादव जी से परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने अपने शिक्षक जीवन में क्या करें? कैसे करें? बहुत काम है, समय नहीं मिलता, सरकार कुछ करने नहीं देती आदि अनेकों नकारात्मक चुनौतियों के बीच भी अपनी सकारात्मक सोच और ऊर्जा से यह सिद्ध कर दिया है कि---
*"जहाँ चाह, वहाँ राह„*
के साथ कर दिखाया कि--
*काम करने वाले को कोई तूफान कभी रोक नही पाया।*
*हाँ यदि हम पूर्वाग्रही मानसिकता से ग्रसित होकर कुछ सत्ता और व्यवस्था के दुलारों की नकल कर बैठे तो बेसिक शिक्षा का मतलब हमारे लिए केवल वेतन रूपी दया रह जाता है।  जिससे हम एक शिक्षक होते हुए भी सिर झुका कर असम्मान की जिन्दगी जीने को मजबूर हो जाते हैं। जिसका नकारात्मक पहलू आये दिन समाचार माध्यमों से सुनने को मिल जाता है। इसलिए यदि हम शिक्षक हैं तो सम्मान का जीवन जीना हमारा अधिकार है। जो हमें शिक्षक पद के साथ विरासत में मिला होता है। लेकिन यदि हम इसकी रक्षा न कर सके। तो इसमें दोष किसका है???*
इसलिए *शिक्षक मित्रो उठो जागो, और अपनी विरासत की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों के साथ आगे बढ़ो।*
जैसे कि एक बहन ने हमें कर दिखाया कि शिक्षक सम्मान की रक्षा कैसे होती है? तो आइये जानते है सम्मानित बहन के कर्तव्यनिष्ठ प्रयासों को उन्ही के शब्दों में---

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1748913282052928&id=1598220847122173
मेरी नियुक्ति इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर 2009 में हुई थी। उस समय विद्यालय सिर्फ चलने की भूमिका में था जिससे विद्यालय में छात्र उपस्थिति लगभग 20% के लगभग ही थी। गाँव की आबादी लगभग 6000 लोगों की है। गाँव की आबादी में अधिसंख्य मेहनत मजदूरी करने वाले लोग थे। जहाँ शराब की भट्टियाँ चलती थी। इसलिए परिवेशीय व्यवस्था अस्त- व्यस्त थी किसी पुरुष को ऐसे माहौल में को पढ़ने - पढ़ाने की बात जानने और सुनने की फुरसत नहीं थी। इसलिए हमने माताओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करना शुरू किया। जिसे माताओं ने समझने की प्रयास कर हमें सहयोग देना शुरू किया। हमने सहयोगी माताओं को जनप्रतिनिधियों द्वारा सम्मानित करा के उनके उत्साह को और सहयोगी बनाने के लिए प्रेरित किया। उनकी छोटी- छोटी समस्याओं को हल किया। जिसके परिणाम स्वरूप विद्यालय और समाज के बीच विस्वास की अटूट दीवार बन कर तैयार हो गयी। जिससे आज विद्यालय में 310 छात्र- छात्राएं है, जो स्वच्छ, सुसज्जित और समय से विद्यालय आते हैं। आज सभी अभिभावक हमारे विद्यालय के व्यवहार से खुश है जिससे हमारे विद्यालय परिवार को भरपूर सम्मान मिलता है। हमारे दो नियम हैं---- *"समय पालन और ईमानदारी„*  इसी कारण आज हम विद्यालय में किए गये निम्न प्रयासों के साथ आप सब के साथ हैं।
विद्यालय में किये गये प्रयासः-----
१- शासन द्वारा चलाये गये कार्यक्रमों का अभिभावकों की सहभागिता के साथ आयोजन
२-बालिका शिक्षा पर माताओं की सहभागिता से अधिक जोर
३-वित्तीय कार्यों में पारदर्शिता
४-त्यौहारों पर माताओं अभिभावकों के साथ आयोजन।
५- माताओं की छोटी- छोटी समस्याओं का सामाजिक सहभागिता के साथ निस्तारण
६- विद्यालय का बहुत ही सुन्दर भौतिक परिवेश
७- बच्चों के लिए उपयोगी पुस्तकालय की व्यवस्था
८- पुरस्कार से मिली धनराशि  से विद्यालय में समर, इनवर्टर, सभी कमरों में ट्यूबलाइट और पंखे आदि
इन सब प्रयासों से आज मेरा विद्यालय किसी प्राइवेट विद्यालय से कम नहीं है। बल्कि आगे है। इसीलिए अभी तक विद्यालय को निम्न उपलब्धियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।
१-ब्लॉक आदर्श शिक्षक १३ दिसम्बर २०१२
२- जनपद आदर्श शिक्षक ०१ मई २०१३
३- लोकमणि लाल पुरस्कार नवम्बर २०१४
४- रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार २४ मार्च २०१५
५- जिलाधिकारी द्वारा ५ सितम्बर २०१६
इन सब प्रयासों में अधिकारियों और मीडिया सभी का सहयोग रहा है।
जय हिन्द!
सुमन लता यादव
प्रा० वि० कुँवरपुर बनवारी,
वि० खण्ड- छिबरामऊ
जनपद- कन्नौज
मित्रो आपने पढ़ा कि कैसे एक बहन की चाह ने शराब की भट्टियों के बीच अव्यवस्थित गाँव में शिक्षा की राह को आसान कर दिखाया।
मिशन संवाद की ओर से बहन सुमनलता जी और उनके सहयोगी विद्यालय परिवार को उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ बहुत- बहुत शुभकामनाएँ!
�मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा आयेगा।
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
*उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।*
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
03/08/2016

Comments

Total Pageviews