६१- प्रमोद कुमार पू०मा०वि० गुलरिहा, सहार, औरैया

मित्रो आज हम आपको परिवर्तन का प्रयास करने वाले बेसिक शिक्षा के लिए समर्पित शिक्षकों के बीच से जनपद औरैया के सहार विकास खण्ड से भाई प्रमोद कुमार जी से परिचय करा रहे हैं। जिन्होंने बेसिक शिक्षा के अनेकों अवरोधों और सरकारी नौकरी की मजबूरियों के बीच अपने लक्ष्य शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा को कमजोर नहीं होने दिया। यदि इसी तरह प्रत्येक शिक्षक अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाये तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से अनिश्चितता के बादलों का अन्त होकर रहेगा। आपने एक ऐसे विद्यालय को जीवन्त कर दिया जो कुछ वर्षों तक सरकारी होने के आंसू बहा रहा था। जिसकी दुर्दशा की गवाह हमारी आँखें स्वयं हैं। क्योंकि हमें एक वारात के साथ विद्यालय की दुर्दशा देखने का दुर्भाग्य प्राप्त हुआ था। लेकिन जब आपने उसी विद्यालय का परिचय देकर फोटो भेजे तो लगा कि बेसिक शिक्षा में अभी बहुत से रत्न छिपे हुए है जिन्हें जरूरत है हम सब के सामने आकर अपनी चमक विखेरने की। जिसकी मिशन संवाद के माध्यम से आशा की एक अतिसूक्ष्म किरण नजर तो आने लगी है लेकिन इसे प्रकाश पुन्ज में बदलने के लिए जरूरत है आप सबके सक्रिय सहयोग की। जो न जाने क्यों और किस संकोच में, किस मौके की तलाश में अपने आप को छुपाये बैठे है। मित्रो उठो, जागो समय आपका इन्तजार कर रहा है बेसिक शिक्षा में परिवर्तन लाने को। यदि अभी और कुछ वर्षो तक छुपते रहे तो फिर पछताये होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत। क्योंकि अभी समाज में बेसिक शिक्षा और शिक्षक का विस्वास और सम्मान कमजोर हुआ है लेकिन अभी मरा नहीं है। इसलिए अभी मौका है। जैसे कि हमारे प्रमोद जी ने सक्रिय सहभागिता निभाकर अपने विद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाई।
आइये जानते है प्रमोद जी के प्रयासों को आपके शब्दों में--''


मित्रो जब मेरा प्रमोशन 2009 में PS हेड के लिए हुआ तो दो साल में हमने स्कूल के पठन - पाठन के साथ परिवेशीय सुन्दरीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया। तो हमारा PS बहलोलपुर, सहार ब्लॉक का नम्बर वन स्कूल हो गया। जैसे ही मेरी पदस्थापना विज्ञान शिक्षक के रूप में UPS गुलरिहा के लिए हुआ। वैसे ही एक अच्छे स्कूल की दुर्दशा शुरू हो गयी।  मगर कर भी क्या सकता था सरकारी सेवक हूँ।  सिवाय अफसोस दुख के।
जब गुलरिहा गया तो स्कूल का परिसर बेहद
खराब था लेकिन हमने हार न मानते हुए स्कूल में वृक्षारोपण शुरू कराया। जिससे आज पाँच वर्षों बाद स्कूल की तस्वीर बिल्कुल बदली हुई नजर आती है। अब चारों ओर हरियाली और छाया ही छाया है। साथ ही शिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता को भी बढ़ाने का प्रयास करते रहे। जिससे बच्चों का समग्र विकास का हमारा उद्देश्य पूरा हो सके। क्योंकि हम हमेशा अपने मन में पुष्प की अभिलाषा को ध्यान में रखकर काम करते रहते है। "चाह नहीं है सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ„ अब हम चार शिक्षक भी है जिससे कोई भी वादन खाली नहीं होता है शिक्षण कार्य कालांश के अनुसार होता है। इसी के साथ ups गुलरिहा, सहार, जनपद- औरैया ने 2015 में एक नया कीर्तमान बनाया। इसमें उत्तर प्रदेश में पहली बार  राष्ट्रीय बालविज्ञान कॉग्रेस - 2015 में हमारे विद्यालय के विद्यार्थी शिवम कुमार कक्षा- 8 ने हमारी गाइडेंस में यू पी स्तर पर स्थान पाया और राष्ट्रीय स्तर पर चंडीगढ़ यूनीवर्सिटी में आयोजित मेला में भी प्रतिभाग किया। जब शिवम कुमार का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ तो सबसे बड़ी समस्या थी दिसम्बर की भीषण सर्दी में सुरक्षित प्रतिभाग करा कर वापस लाना। लेकिन निर्धन परिवार से होने के कारण हमने सोचा कि बच्चा नेशनल लेवल पर जायेगा तो उसकी उसी तरह की तैयारी की जाये कही मनोबल कमजोर न हो जाये उसकी गरीबी की झलक कही उसके दिमाग और चेहरे पर न दिखे। इसके लिए हमारी साइंस टीम और विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने आपसी सहयोग से शिवम को मंहगे जूता, जॉकिट, व्लेज़र नेहरू कट कुर्ता पजामा टोपी जो हमारी यू पी की पहचान थी और एक स्कूल जैसी खाकी ड्रेस दिलायी। इस तरह हाई सोसाइटी के बराबर तैयारी की। एक अन्य शिक्षक अनिल वाथम ups धरकन,सहार ने 4000 ₹ की DMIT रिपोर्ट निः शुल्क कराई, जिससे पता चल गया कि शिवम अब जनरल विषय में बेहतर है। सफल हो सकता है। शायद परिषदीय स्कूल का पहला मौका था जब राष्ट्रीय स्तर पर हमने अपने स्कूल का नाम पहुँचाया। इससे खुश होकर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजवीर सिंह यादव ने शिवम कुमार की कक्षा- 9 से 12 तक सरस्वती विद्या मन्दिर दिबियापुर में पूरी फीस जमा कर दी। और ग्राम प्रधान ने उसे एक सोलर लाइट दिलवाने को कहा है। हमारे छोटे से प्रयास ने निर्धन परिवार के बच्चे के जीवन में नयी रोशनी ला दी। हमारी साइंस टीम उसको पूरा सहयोग प्रदान करती है। इसके लिए हम सभी सहयोगी टीम का आभार और शिवम के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ!
जय हिन्द
जय विज्ञान कॉग्रेस
प्रमोद कुमार
UPS गुलरिहा, सहार
जनपद- औरैया
मित्रो आपने परिवर्तन के प्रयास को महसूस किया कि एक शिक्षक का छोटा सा भी प्रयास अपने विद्यार्थी का जीवन कैसे बदल सकता है। यह आपके हाथ में है कि आप अपनी मेहनत और लगन से बच्चों के जीवन को उत्थान की ओर बदलते हो या नकारात्मक सोच  से पतन की ओर करते हो।
मिशन संवाद की ओर भाई प्रमोद जी और उनके विद्यालय परिवार को उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
�मित्रों आप भी यदि बेसिक शिक्षा विभाग के सम्मानित शिक्षक हैं तो इस मिशन संवाद के माध्यम से शिक्षा एवं शिक्षक के हित और सम्मान की रक्षा के लिए हाथ से हाथ मिला कर अभियान को सफल बनाने के लिए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने में सहयोगी बनें और शिक्षक धर्म का पालन करें। हमें विश्वास है कि अगर आप लोग हाथ से हाथ मिलाकर संगठित रूप से आगे बढ़े तो निश्चित ही बेसिक शिक्षा से नकारात्मकता की अंधेरी रात का अन्त होकर रोशनी की नयी किरण के साथ नया सबेरा आयेगा।
हम सब हाथ से हाथ मिलायें।
बेसिक शिक्षा का मान बढ़ायें।।
नोटः- यदि आप या आपके आसपास कोई बेसिक शिक्षा का शिक्षक अच्छे कार्य कर शिक्षा एवं शिक्षक को सम्मानित स्थान दिलाने में सहयोग कर रहा है तो बिना किसी संकोच के अपने विद्यालय की उपलब्धियों को हम तक पहुँचाने में सहयोग करें। आपकी ये उपलब्धियाँ हजारों शिक्षकों के लिए नयी ऊर्जा और प्रेरणा का काम करेंगी। इसलिए बेसिक शिक्षा को सम्मानित स्थान दिलाने के लिए हम सब मिशन संवाद के माध्यम से जुड़कर एक दूसरे से सीखें और सिखायें। बेसिक शिक्षा की नकारात्मकता को दूर भगायें।
उपलब्धियों का विवरण और फोटो भेजने का WhatsApp no- 9458278429 है।
साभार: शिक्षण संवाद एवं गतिविधियाँ
 
विमल कुमार
कानपुर देहात
01/08/2016

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