विश्व मलेरिया दिवस

आज विश्व मलेरिया दिवस है ब्रिटेन के डॉक्टर सर डोनाल्ड रस ने 1897 में यह खोज की कि मलेरिया के परजीवी मच्छर में पलते हैं। डॉक्टर रास को इसके लिए 1902 में चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया आज हम लोग यह सोच नहीं सकते कि उस समय इस बीमारी से लाखों लोग मृत्यु को प्राप्त हो गए थे और यह जानलेवा बीमारी बन चुकी थी और लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 25 अप्रैल को हम विश्व मलेरिया दिवस मनाते हैं।
 मलेरिया का कारण- मलेरिया बीमारी प्लाज्मोडियम नामक परजीवी होते हैं। यह परजीवी मनुष्य के शरीर तक पहुँचाती है मादा एनाफिलीज मच्छर।
 कैसे फैलता है-


मादा एनाफिलीज मच्छर जब किसी मलेरिया रोगी को काटती है उस व्यक्ति के खून में मौजूद मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी भी उसमें आ जाते हैं और वह संक्रमित हो जाती है लेकिन जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है तो अपनी लार के साथ मलेरिया परजीवी को स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर देती है। इसका एक चक्र होता है मलेरिया पीड़ित व्यक्ति से मादा एनाफिलीज मच्छर में फिर संक्रमित मच्छर से स्वस्थ व्यक्ति में पहुँचता है और यह परजीवी स्वस्थ मनुष्य के लीवर में पहुँचकर संक्रमित कर देते हैं और खून में पहुँचकर आरबीसी को नष्ट कर करने लगते हैं।


 मलेरिया के लक्षण- कँपकँपी देकर बुखार आता है, ठंड लगती है, इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। सिर दर्द, बदन दर्द की शिकायत उल्टी, जी मचलाना आदि मुख्य लक्षण हैं। कई बार सही उपचार ना होने पर रोगी के मस्तिष्क और शारीरिक तंत्र को प्रभावित करता है। एनीमिया, लकवा, किडनी की कमजोरी व सेरेबल मलेरिया से व्यक्ति कोमा में पहुँच जाता है और मृत्यु भी हो सकती है। 
 कविता हास्य विश्व मलेरिया दिवस पर-

हम सब का खून चूसने वाले यह मच्छर,
ना दिन देखे ना रात देखें यह मच्छर, 
इंसानों को भी मच्छर बना देते यह मच्छर,
मार्टिन, कछुआ, गुड नाइट को हजम करते यह मच्छर,
 हैं छोटे मगर बड़े ही शैतान होते यह मच्छर, 
 डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया फैलाते यह मच्छर, 
गंदगी के ढेरों में फलते-फूलते यह  मच्छर,
 मौत को दावत देते हैं यह मच्छर, 
इंसान को घनचक्कर बना देते यह मच्छर,
हम सब का खून चूसने वाले यह मच्छर।।

लेखिका
साधना,
प्रधानाध्यापक
कंपोजिट स्कूल ढोढ़िया ही,
विकास खण्ड-तेलियानी,
जनपद-फतेहपुर।

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