मलेरिया दिवस
पूरा विश्व लगाए रहता है आस,
कैसे नियन्त्रित हो मलेरिया करते हैं इसका प्रयास।
इसीलिए प्रतिवर्ष 25 अप्रैल के दिवस को,
मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस।
मच्छरों के कारण कई लोग भोगते हैं भोग,
प्रत्येक वर्ष मरते हैं इससे कई लाख लोग।
मच्छरों से रहिए हमेशा बहुत दूर प्लीज़,
इसका कारण होता है मादा एनोफिलीज।
पूरे विश्व में 106 हैं ऐसे देश,
जहाँ भरपूर रहते हैं मलेरिया के केश।
3.3 अरब जनसंख्या है पूरे संसार में,
बीमारी से बचाव ही है एक रास्ता आसार में।
आँकड़े बताते हैं वर्ष 2012 के हालात,
627000 लोग उतर गए मौत के घाट।
एशिया और अफ्रीका में था सर्वाधिक प्रभाव,
क्योंकि यहाँ नियन्त्रण का था अभाव।
विश्व मलेरिया दिवस है उनमें से एक,
जो संस्थाएँ हमेशा करती हैं काम नेक।
गन्दगी छोड़ कर सब हो जाओ सेफ,
मलेरिया से लड़ने को हो जाओ सब एक।
रचयिता
बबलू सोनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कसराँव,
विकास खण्ड-हथगाम,
जनपद-फतेहपुर।
कैसे नियन्त्रित हो मलेरिया करते हैं इसका प्रयास।
इसीलिए प्रतिवर्ष 25 अप्रैल के दिवस को,
मनाया जाता है विश्व मलेरिया दिवस।
मच्छरों के कारण कई लोग भोगते हैं भोग,
प्रत्येक वर्ष मरते हैं इससे कई लाख लोग।
मच्छरों से रहिए हमेशा बहुत दूर प्लीज़,
इसका कारण होता है मादा एनोफिलीज।
पूरे विश्व में 106 हैं ऐसे देश,
जहाँ भरपूर रहते हैं मलेरिया के केश।
3.3 अरब जनसंख्या है पूरे संसार में,
बीमारी से बचाव ही है एक रास्ता आसार में।
आँकड़े बताते हैं वर्ष 2012 के हालात,
627000 लोग उतर गए मौत के घाट।
एशिया और अफ्रीका में था सर्वाधिक प्रभाव,
क्योंकि यहाँ नियन्त्रण का था अभाव।
विश्व मलेरिया दिवस है उनमें से एक,
जो संस्थाएँ हमेशा करती हैं काम नेक।
गन्दगी छोड़ कर सब हो जाओ सेफ,
मलेरिया से लड़ने को हो जाओ सब एक।
रचयिता
बबलू सोनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कसराँव,
विकास खण्ड-हथगाम,
जनपद-फतेहपुर।
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