अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस

नृत्य कला का वरदान है
कलाकार का अरमान है
       इस भाव से होता युक्त
       सारे तनाव से होता मुक्त
भाव भंगिमा का है ये प्रदर्शन
स्वस्थ भी रहते इससे तन मन
       गायन वादन नृत्य से बनता है संगीत
       जीवन को दे हर पल ये नई सीख
हाव भाव के जरिये हर लफ्ज बयाँ होते हैं
मुश्किल शब्द भी देखो संकेतों से होते हैं
        सकल विश्व है आज संगीत पर नाचता
        बिन कहे कलाकार सबके सामने बाँचता
प्रेम, क्रोध, वात्सल्य को कर दे ये प्रकट
सूक्ष्म न समझो तुम, ये है बड़ा विकट
       माँग मेरी बस ये सुनो तुम
      मिले सम्मान कलाकार को
      वेशभूषा अभिव्यक्ति के जरिए
      व्यक्त करे संस्कारों को
    स्वस्थ रखता है ये काया को
     दूर रखता दुख के साया को।

रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां, 
जनपद-फ़तेहपुर।

Comments

Post a Comment

Total Pageviews