मिशन शिक्षण संवाद

दे दिया हमें मंच बिना लोभ बिन स्वार्थ,
मिशन शिक्षण संवाद तूने कर दिया कमाल
वैसे तो लगती थी हस्ती तेरी छोटी
लेकिन अब तुम्हें चाहती है सारी शिक्षक जाति
ना कोई रुका है ना कोई रुकेगा
ज्योति को लेकर तेरी आगे ही बढ़ेगा
दे दिया हमें मंच बिना लोभ बिन स्वार्थ
मिशन शिक्षण संवाद तूने कर दिया कमाल
जय शिक्षक जय भारत--------

एक-एक मोती (शिक्षक) से माला यह बनाई
लोगों ने दाँतों से उँगलियाँ भी दबाईं
जब-जब तेरा बिगुल बजा सभी शिक्षक चल पड़े
एक साथ होकर हजारों निकल पड़े
दे दिया हमें मंच बिना लोभ बिन स्वार्थ                               
मिशन शिक्षण संवाद तूने कर दिया कमाल
जय शिक्षक जय भारत------

कठिन समय में जलती रही मिशन तेरी मशाल
हमने भी ले डाली ऑनलाइन सभी क्लास
मिशन में तूने जोड़ा शिक्षक एक से एक कमाल
शिक्षकों ने भी ठान ली बनाएँगे देश में एक मिसाल
दे दिया हमें मंच बिना लोभ बिन स्वार्थ                               
मिशन शिक्षण संवाद तूने कर दिया कमाल
जय शिक्षक जय भारत-------

हिंदू ना मुस्लिम ना सिख ईसाई
हम तो केवल शिक्षक हैं यहाँ मेरे भाई
दिन-रात यह आगे बढ़ेगा आसमां को चूमेगा
किश्ती को तेरी लेकर ना पीछे हटेगा
दे दिया तूने मंच बिना लोभ बिन स्वार्थ                               
मिशन शिक्षण संवाद तूने कर दिया कमाल
जय शिक्षक जय भारत--------

रचयिता
नीलम कटारिया,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय अभुपुर नं0-2
विकास खण्ड-मुरादनगर,
जनपद-गाजियाबाद।

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