स्कूल चलें

हम बच्चे स्कूल चलेंगे,
नई कक्षा, नये बस्ते मिलेंगे।
प्यारे-प्यारे दोस्त बनेगें,
हँसते-गाते स्कूल चलेंगे।
खूब पढ़ेंगे, खूब लिखेंगे,
अधिकारी, डॉक्टर, वकील बनेंगे।
हारे हैं न हम हारेंगे,
विजेता बनकर दिखलाएँगे।
हम ही हैं भविष्य देश का,
ये साबित कर जाएँगे।
धीर बनेंगे, वीर बनेंगे,
देश की सरहद पर जा लड़ेंगे।
कलाम भगत बन जाएँगे,
दुनिया में नाम कमाएँगे।
मम्मी मेरा नाम लिखा दो,
हम भी स्कूल जाएँगे।।।

रचयिता
आसिया फ़ारूक़ी,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय अस्ती,
नगर क्षेत्र-फतेहपुर,
जनपद-फतेहपुर।

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