बच्चों की चौपाल

सुनो सुनो ओ सुनो सुनो,
 चलो नीम के नीचे।
 बच्चों की चौपाल सजी है,
 कुछ फोटो भी खींचे।
चाचा जी नकल उतारे,
 अपना प्यारा चुन्नू।
 हा ही हू हू करते सारे,
 पेट पकड़ता मुन्नू।
 ताक धिना धिन करती आई,
 जब टप्पू की टोली।
 लगे नाचने सारे बच्चे,
 मन की गाँठें खोली।
 गिन्नी घुमा रही बातों में,
 सलमा गाती मधुर तराने।
 बात कविता की आई तो,
 रिंकू ढूँढे नये बहाने।
 हँसी ठहाके गूँज रहे,
 सीटी बजे जोर से ताली।
 इन बच्चों से आओ सीखें
 जीवन की खुशहाली।।

रचयिता
नरेन्द्र सिंह नीहार, 
हिन्दी प्रवक्ता,
राजकीय उच्चतर माध्यमिक बाल विद्यालय,
विकास खण्ड-संगम विहार,
नई दिल्ली।

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