बालश्रम
तर्ज-झाड़ू पोंछा करब ना॥
ईंट माटी ढोइब ना ना माजब बरतनवा,
पढें के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
आधी रात सुतीला भोर में जगावे,
बडका सहबवा गारी दे बोलावे,
टाईम से खाना ना ना टाईम से वेतन वा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
साहब क लईके खाए टुकुर टुकुर ताकि, छूटल छाटल खाना पूरा कबो आधी, दुख बडा़ झेली एही पेट के करनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
कहीला माई से नाम लिखाई दे,
सरकारी स्कूल में हमके पठाई दे,
कपड़ा किताब मिली पेट भर भोजनवा,
पढे के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
सुनीला लईकन से काम जे कराई,
आई पुलिस पकड़ लेई जाई,
बाल श्रम रोके खातिर बनल बा कानूनवा पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
बाबा सुना, चाचा सुना, सुना भईया लोग हो,
गरीब बाटी भले नाही कमजोर हो, एक दिन हमहू नापब पूरा आसमनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
ईंट माटी ढोइब ना ना माजब बरतनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
रचयिता
रीना राय,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कजाकपुर,
विकास खण्ड-खोराबार,
जनपद-गोरखपुर।
ईंट माटी ढोइब ना ना माजब बरतनवा,
पढें के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
आधी रात सुतीला भोर में जगावे,
बडका सहबवा गारी दे बोलावे,
टाईम से खाना ना ना टाईम से वेतन वा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
साहब क लईके खाए टुकुर टुकुर ताकि, छूटल छाटल खाना पूरा कबो आधी, दुख बडा़ झेली एही पेट के करनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
कहीला माई से नाम लिखाई दे,
सरकारी स्कूल में हमके पठाई दे,
कपड़ा किताब मिली पेट भर भोजनवा,
पढे के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
सुनीला लईकन से काम जे कराई,
आई पुलिस पकड़ लेई जाई,
बाल श्रम रोके खातिर बनल बा कानूनवा पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
बाबा सुना, चाचा सुना, सुना भईया लोग हो,
गरीब बाटी भले नाही कमजोर हो, एक दिन हमहू नापब पूरा आसमनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
ईंट माटी ढोइब ना ना माजब बरतनवा, पढ़े के मन करेला बा हमरो अरमनवा॥
रचयिता
रीना राय,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय कजाकपुर,
विकास खण्ड-खोराबार,
जनपद-गोरखपुर।
Nice
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