मौलिक अधिकार

एक मजबूत समाज के लिए,
हमको मिले हैं छः अधिकार।
पहला है समानता का,
वहीं दूसरा स्वतंत्रता का अधिकार।
आओ मेरे साथ मिलकर,
तुम भी कर लो इनको याद।
फिर आता शोषण के विरुद्ध तीसरा अधिकार,
और मिला है सबको धार्मिक स्वतंत्रता का चौथा अधिकार।
आओ मेरे साथ मिलकर,
तुम भी कर लो इनको याद।
अब बारी आई संस्कृति और शिक्षा की,
जो है हमारा पाँचवाँ अधिकार।
संवैधानिक उपचारों को जानो,
यह है हमारा छठा अधिकार।
एक मजबूत समाज के लिए,
यह हैं हमारे छः अधिकार।
बोलो बच्चों, बोलो बच्चों
वह कौन-कौन से हैं अधिकार।
आओ मेरे साथ मिलकर,
तुम भी कर लो इनको याद।
एक मजबूत समाज के लिए,
यह हैं हमारे छः अधिकार।

रचयिता
शशिकला यादव,
सहायक अध्यापिका,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय करमैनी,
विकास खण्ड-पिपराइच,
जनपद-गोरखपुर।

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