विश्व पुस्तक दिवस
हर दिन पुस्तकों का साथ हो,
पूरी सबकी आस हो।
ज्ञान का देती हैं प्रकाश,
जिज्ञासु की मिटती है प्यास।
जो इस रस में डूबा है,
उसका जीवन सुधरा है।
भटके को राह दिखाएँ,
सबको मंजिल तक पहुँचाएँ।
जो जाता है इनके पास,
वह नहीं होता कभी निराश।
विश्व वसुधा का ज्ञान दिलाएँ,
सारी धरती एक बनाएँ।
कोरोना का एकांतवास,
देतीं हैं जीवन को आस।
ज्यों जीवन में होता इत्र,
त्यों पुस्तक हैं सच्ची मित्र।।
रचयिता
अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
पूरी सबकी आस हो।
ज्ञान का देती हैं प्रकाश,
जिज्ञासु की मिटती है प्यास।
जो इस रस में डूबा है,
उसका जीवन सुधरा है।
भटके को राह दिखाएँ,
सबको मंजिल तक पहुँचाएँ।
जो जाता है इनके पास,
वह नहीं होता कभी निराश।
विश्व वसुधा का ज्ञान दिलाएँ,
सारी धरती एक बनाएँ।
कोरोना का एकांतवास,
देतीं हैं जीवन को आस।
ज्यों जीवन में होता इत्र,
त्यों पुस्तक हैं सच्ची मित्र।।
रचयिता
अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद 🙏💐
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