कन्या भ्रूण हत्या
तर्ज- जिंदगी की न टूटे लड़ी, प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी।
जिंदगी की ना तोड़ो कड़ी,
माँ की ममता से हूँ मैं जुड़ी।
उन माताओं का कहना भी क्या,
जिन माताओं की बेटी नहीं,
वो परिवार, परिवार नहीं,
जिनके घर बेटी नहीं,
जिंदगी की ना......।
आज से ये वादा रहा,
हम लेड़ेंगे हर मोड़ पर,
नेह की दुनिया बसाएँगे हम,
भय की दुनिया का डर छोड़कर,
जल्दी मरने की, जल्दी मरने की मुझको नहीं,
माँ की ममता का घर छोड़कर।
जिंदगी की न टूटे कड़ी,
माँ की ममता से हूँ मैं जुड़ी।
रचयिता
अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
जिंदगी की ना तोड़ो कड़ी,
माँ की ममता से हूँ मैं जुड़ी।
उन माताओं का कहना भी क्या,
जिन माताओं की बेटी नहीं,
वो परिवार, परिवार नहीं,
जिनके घर बेटी नहीं,
जिंदगी की ना......।
आज से ये वादा रहा,
हम लेड़ेंगे हर मोड़ पर,
नेह की दुनिया बसाएँगे हम,
भय की दुनिया का डर छोड़कर,
जल्दी मरने की, जल्दी मरने की मुझको नहीं,
माँ की ममता का घर छोड़कर।
जिंदगी की न टूटे कड़ी,
माँ की ममता से हूँ मैं जुड़ी।
रचयिता
अंजू गुप्ता,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय खम्हौरा प्रथम,
विकास क्षेत्र-महुआ,
जनपद-बाँदा।
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