विश्व मलेरिया दिवस

जंग चल रही है इक भारी,
अनवरत इक विषाणु से।
आज के दिन हम मार भगाएँ,
मलेरिया को  तरकश बाण से।।

मच्छर तो फैलाते कुछ ज्वर,
डेंगू  और  चिकनगुनिया।
सबसे ज्यादा हैं  फैलाते,
सम्पूर्ण विश्व में मलेरिया।।

एनाफिलीज मादा मच्छर ही,
इसकी   वाहक   होती  है ।
जितने लोगों को  वह  काटे,
संक्रमित  कर  देती   है ।।

जाड़ा देकर ज्वर आता है,
तापमान  बढ़  जाता है।
आँखें  सुर्ख तृषा हो ज्यादा,
बदन  दर्द  हो जाता है।।

यूनीसेफ ने शुरू किया था,
२००८  में  इसकी रोकथाम।
समूल नष्ट करके ही दम लेंगे,
करके  इसका  काम तमाम।।

प्रयोग करो मच्छरदानी का,
इससे रहना तुम सावधान।
अन्य उपाय भी हैं बहुतेरे
पर यह उपाय सबसे महान।।

सृष्टि का हर विषाणु है,
मानव का अदृश्य दुश्मन।
हर क्षण सावधान इनसे तुम
तभी बच सके मानव जीवन।।

आओ हम संकल्प करें अब
चूक नहीं होने देंगे।
रखें सुरक्षित हम सब खुद को,
तब वन्दे मातरम गाएँगे।।
                   
रचयिता
बी0 डी0 सिंह,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्रथमिक विद्यालय मदुंरी,
विकास खण्ड-खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।

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