घर में रह जाओ
थोड़े दिन घर में रह जाओ
अम्मा का तुम हाथ बँटाओ।
घर में करो ता-ता थैया
पापा के संग खेलो-खाओ
थोड़े दिन, घर मे रह जाओ।।
दादी से तुम सुनो कहानी
एक था राजा, एक थी रानी।
घर के बाहर कहीं न जाना
लूडो खेलो, पतंग उड़ाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ।।
साइकिल थोड़ी खड़ी रहने दो
सुनी बगिया पड़ी रहने दो।
पेड़ पे मत चढ़ के खेलो
घर में खेलो, घर में गाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ।।
कोई न घर से बाहर जाए
और न कोई अंदर आए।
साफ-सफाई का रखो ध्यान
घर में सब नाचो-गाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ
रचयिता
कौसर जहाँ,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन,
विकास क्षेत्र-पिपरौली,
जनपद-गोरखपुर।
अम्मा का तुम हाथ बँटाओ।
घर में करो ता-ता थैया
पापा के संग खेलो-खाओ
थोड़े दिन, घर मे रह जाओ।।
दादी से तुम सुनो कहानी
एक था राजा, एक थी रानी।
घर के बाहर कहीं न जाना
लूडो खेलो, पतंग उड़ाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ।।
साइकिल थोड़ी खड़ी रहने दो
सुनी बगिया पड़ी रहने दो।
पेड़ पे मत चढ़ के खेलो
घर में खेलो, घर में गाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ।।
कोई न घर से बाहर जाए
और न कोई अंदर आए।
साफ-सफाई का रखो ध्यान
घर में सब नाचो-गाओ
थोड़े दिन, घर में रह जाओ
रचयिता
कौसर जहाँ,
सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय बड़गहन,
विकास क्षेत्र-पिपरौली,
जनपद-गोरखपुर।
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