बेटियों का महत्व
आज एक महत्वपूर्ण काम करते हैं
चंद पंक्तियाँ अपनी बेटियों के नाम करते हैं।
कुदरत का उपहार हैं बेटियाँ,
देश और समाज का अभिमान हैं बेटियाँ।
बेटे होते हैं एक कुल का दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन,
परंतु दो कुलों की रोशनी है बेटियाँ।
बहुत छोटा सा सफ़र होता है बेटियों के साथ,
बहुत कम वक्त के लिये वह होती हमारे पास…!!
असीम प्यार पाने की हकदार होती हैं बेटियाँ,
समझो भगवान् का आशीर्वाद है बेटियाँ।
जहाँ इनको मिलता है सम्मान,
वहीं रमते हैं श्री भगवान।
हर जन, समाज और सरकार से
है विनती हमारी,
बेटियों को सबल बनाएँ,
और दें इन्हें सुविधाएँ सारी।
पढ़ी-लिखी बेटियों पर ही टिकी हैं,
परिवार, समाज और देश की उम्मीदें सारी।
शिक्षा से हर क्षेत्र में बाजी मार रही है बेटियाँ,
अपनी सारी भूमिका निभा रही हैं बेटियाँ,
अपने हुनर से दुनिया को जगमगा रही हैं बेटियाँ,
शिक्षा से खुद की पहचान बना रही है बेटियाँ।
शिक्षा पर अगर न होता विश्वास,
न हो पाती जागरूक,
न हो पाता विकास।
न मिल पाता जीवन का अधिकार
और न कर पाती देश का उद्धार।
समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान,
क्योंकि अमेरिका से देश के लिए ऑस्कर तक ला रही बेटियाँ।
खत्म होगी पुरुषों पर निर्भरता,
खत्म होगी शिक्षा से निर्धनता।
इस धरती को स्वर्ग बनाएँगी बेटियाँ,
सदा देश का गौरव बढ़ाएँगी बेटियाँ।
रचयिता
डॉ0 सुमन रानी अग्रवाल,
प्रधानाध्यापिका,
शिवा प्राइमरी पाठशाला,
नगर क्षेत्र-हापुड़,
जनपद-हापुड़।
चंद पंक्तियाँ अपनी बेटियों के नाम करते हैं।
कुदरत का उपहार हैं बेटियाँ,
देश और समाज का अभिमान हैं बेटियाँ।
बेटे होते हैं एक कुल का दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन,
परंतु दो कुलों की रोशनी है बेटियाँ।
बहुत छोटा सा सफ़र होता है बेटियों के साथ,
बहुत कम वक्त के लिये वह होती हमारे पास…!!
असीम प्यार पाने की हकदार होती हैं बेटियाँ,
समझो भगवान् का आशीर्वाद है बेटियाँ।
जहाँ इनको मिलता है सम्मान,
वहीं रमते हैं श्री भगवान।
हर जन, समाज और सरकार से
है विनती हमारी,
बेटियों को सबल बनाएँ,
और दें इन्हें सुविधाएँ सारी।
पढ़ी-लिखी बेटियों पर ही टिकी हैं,
परिवार, समाज और देश की उम्मीदें सारी।
शिक्षा से हर क्षेत्र में बाजी मार रही है बेटियाँ,
अपनी सारी भूमिका निभा रही हैं बेटियाँ,
अपने हुनर से दुनिया को जगमगा रही हैं बेटियाँ,
शिक्षा से खुद की पहचान बना रही है बेटियाँ।
शिक्षा पर अगर न होता विश्वास,
न हो पाती जागरूक,
न हो पाता विकास।
न मिल पाता जीवन का अधिकार
और न कर पाती देश का उद्धार।
समाज में बढ़ रहा उनका सम्मान,
क्योंकि अमेरिका से देश के लिए ऑस्कर तक ला रही बेटियाँ।
खत्म होगी पुरुषों पर निर्भरता,
खत्म होगी शिक्षा से निर्धनता।
इस धरती को स्वर्ग बनाएँगी बेटियाँ,
सदा देश का गौरव बढ़ाएँगी बेटियाँ।
रचयिता
डॉ0 सुमन रानी अग्रवाल,
प्रधानाध्यापिका,
शिवा प्राइमरी पाठशाला,
नगर क्षेत्र-हापुड़,
जनपद-हापुड़।
Very well written mam(Bushra siddiqui )
ReplyDeleteTruely heart touching mam 👌
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