खानपान
फास्ट फूड और जंक फूड से मुक्ति की अलख जगाना है।
सादा भोजन सादा जीवन अब हमको यही अपनाना है।
चना चबेना दूध छाछ से क्यों सबने मुँह को मोड़ा है।
चाऊमीन बर्गर डोसा से अपना नाता जोड़ा है।
स्वास्थ्य खराब करते हैं अपना, इनको दूर भगाना है।
दादा-दादी, नाना नानी इनसे पूछो वो क्या खाते थे।
संतुलित भोजन करते थे और लम्बी आयु पाते थे।
मम्मी पापा से भी ज्यादा वे अनुशासन अपनाते थे।
दीर्घायु होती है उनकी, जो ये बातें अपनाते हैं।
सादा जीवन सादा भोजन अब हमको यही अपनाना है।
फास्ट फूड और जंक फूड से मुक्ति की अलख जगाना है।
रचयिता
देवकुमारी गंगवार,
एआरपी हिन्दी,
विकास खण्ड-दमखोदा,
जनपद-बरेली।
सादा भोजन सादा जीवन अब हमको यही अपनाना है।
चना चबेना दूध छाछ से क्यों सबने मुँह को मोड़ा है।
चाऊमीन बर्गर डोसा से अपना नाता जोड़ा है।
स्वास्थ्य खराब करते हैं अपना, इनको दूर भगाना है।
दादा-दादी, नाना नानी इनसे पूछो वो क्या खाते थे।
संतुलित भोजन करते थे और लम्बी आयु पाते थे।
मम्मी पापा से भी ज्यादा वे अनुशासन अपनाते थे।
दीर्घायु होती है उनकी, जो ये बातें अपनाते हैं।
सादा जीवन सादा भोजन अब हमको यही अपनाना है।
फास्ट फूड और जंक फूड से मुक्ति की अलख जगाना है।
रचयिता
देवकुमारी गंगवार,
एआरपी हिन्दी,
विकास खण्ड-दमखोदा,
जनपद-बरेली।
Very nice efforts, inspiration by dr. Dev kumari gangwar g ARP
ReplyDeleteVery nice efforts.....
ReplyDelete