राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस

अगर देश के गाँवों को खतरा हुआ तो भारत को खतरा हो जाएगा
            "महात्मा गाँधी"
पंचायती राज दिवस- गाँधी जी ने मजबूत और सशक्त गाँवों का सपना देखा था, जो भारत के रीढ़ की हड्डी होती। उन्हीने ग्राम स्वराज का कांसेप्ट दिया। उनके अनुसार पंचायतों के पास सभी अधिकार होने चाहिए, उनके सपने को पूरा करने के लिए 1992 मे संविधान में 73 वां संशोधन किया गया और पंचायती राज संस्थान का कांसेप्ट पेश किया गया।
पंचायती राज का अर्थ-  इसका अर्थ है स्व शासन प्रणाली,कहने का अभिप्राय ये है कि इस कानून की सहायता से स्थानीय निकायों को ज्यादा से ज्यादा शक्तियाँ दी गयीं। इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को विशेष आरक्षण मिलता था।
73 वां संशोधन अधिनियम 1992-  राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस जमीनी स्तर से राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण के इतिहास को दर्शाता है। राजस्थान देश का पहला राज्य बना जहाँ ये व्यवस्था लागू हुई जिसका शुभारम्भ तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा नागौर जिले मे 2 अक्टूबर 1959 में किया गया।
मनाने का कारण-इसको मनाने का कारण 73 वां संविधान संशोधन 1992 है जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ और संविधान के भाग 9 में 16 नए अनुच्छेद, 243(क-न) और 11 अनुसूची को संविधान मैं शामिल किया गया। 11वीं अनुसूची में पंचायत के कार्य निर्धारण के लिये 29 विषय शामिल किए गए।
73 वे संशोधन ने, इतिहास रच दिया,
पंचायती राज को, नया आयाम दे दिया,
सपना गांधी जी का पूर्ण हो गया,
एक नई व्यवस्था का आगाज हो गया।।
     
लेखिका
नम्रता श्रीवास्तव,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय बड़ेह स्योढ़ा,
विकास खण्ड-महुआ,
जिला-बाँदा।

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