हे राष्ट्र के प्यारे नन्दन!
तुम जीवन की आशा हो
शिक्षा की परिभाषा हो
तुम पर सबकी टिकी निगाहें
तुम हो राष्ट्र अलिक चन्दन
हे राष्ट्र के प्यारे नंदन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
गुरुजन का आदेश हो तुम
परिजन का सन्देश हो तुम
नहीं हारकर झुँझलाना तुम
आदेशों को करो नमन
हे राष्ट्र के प्यारे नंदन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
शिक्षा के अनमोल रतन तुम
हो समाज के तन-मन-धन तुम
सदा नया इतिहास गढ़ो तुम
सहयोगी तेरे गुरुजन
हे राष्ट्र के प्यारे नन्दन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
तुम पीयूष, हो उल्लासक
सदा प्रवर्तक, सच्चे साधक
नव आशा हो, सृजन करो नव
पथ प्रदर्शक शिक्षण मिशन
हे राष्ट्र के प्यारे नन्दन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
रचनाकार
अरुण कुमार यादव,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय बरसठी,,
विकास क्षेत्र-बरसठी,
जनपद-जौनपुर।
Mob--9598444853
शिक्षा की परिभाषा हो
तुम पर सबकी टिकी निगाहें
तुम हो राष्ट्र अलिक चन्दन
हे राष्ट्र के प्यारे नंदन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
गुरुजन का आदेश हो तुम
परिजन का सन्देश हो तुम
नहीं हारकर झुँझलाना तुम
आदेशों को करो नमन
हे राष्ट्र के प्यारे नंदन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
शिक्षा के अनमोल रतन तुम
हो समाज के तन-मन-धन तुम
सदा नया इतिहास गढ़ो तुम
सहयोगी तेरे गुरुजन
हे राष्ट्र के प्यारे नन्दन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
तुम पीयूष, हो उल्लासक
सदा प्रवर्तक, सच्चे साधक
नव आशा हो, सृजन करो नव
पथ प्रदर्शक शिक्षण मिशन
हे राष्ट्र के प्यारे नन्दन!
बारम्बार है अभिनंदन।।
रचनाकार
अरुण कुमार यादव,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय बरसठी,,
विकास क्षेत्र-बरसठी,
जनपद-जौनपुर।
Mob--9598444853
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