राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस
जब होता है पंचायत द्वारा सारा काज़,
कहलाता है ये सिस्टम पंचायती राज।
गाँव स्तर पर ग्राम सभा, ब्लॉक पर मण्डल परिषद
जनपद स्तर पर होती है जिला परिषद।
सिर्फ़ केन्द्र व राज्य से नहीं हो सकता है पूरा काज,
इसीलिए व्यवस्था की गई एक पंचायती राज।
इन संस्थाओं के लिए किया जाता है चुनाव,
चुने हुए लोग करते हैं गरीबी और बेरोज़गारी से बचाव।
गांधी बाबा कह गए कि यदि गाँवों को होगा खतरा,
तो पूरे देश की व्यवस्था जाएगी भरभरा।
उन्होंने दिया ग्राम स्वराज्य का कॉन्सेप्ट,
जिसे पूर्णतया किया गया इंजेक्ट।
गांधी जी ने मज़बूत व सशक्त गाँव का देखा सपना,
जिससे विकास के पथ पर दौड़ सकेगा देश अपना।
पंचायतों के पास होने चाहिए सभी अधिकार,
तब जाकर सरपट दौड़ेगी सरकार।
गांधी जी ने दिया एक ज़ोरदार उद्बोधन,
तब जाकर 1992 में हुआ 73वां संविधान संशोधन।
इसकी मदद से दी गयी निकायों को शक्ति,
किसके आधार पर दरिद्रता, ग़रीबी से होने लगी मुक्ति।
24 अप्रैल को मनाया जाता है पंचायती राज दिवस,
शुरुआत हुई थी इसकी जब था वो साल दो हज़ार दस।
प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह जी बने इसके सूत्रधार,
पंचायती राज व्यवस्था आज है विकास का आधार।
रचयिता
बबलू सोनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कसराँव,
विकास खण्ड-हथगाम,
जनपद-फतेहपुर।
कहलाता है ये सिस्टम पंचायती राज।
गाँव स्तर पर ग्राम सभा, ब्लॉक पर मण्डल परिषद
जनपद स्तर पर होती है जिला परिषद।
सिर्फ़ केन्द्र व राज्य से नहीं हो सकता है पूरा काज,
इसीलिए व्यवस्था की गई एक पंचायती राज।
इन संस्थाओं के लिए किया जाता है चुनाव,
चुने हुए लोग करते हैं गरीबी और बेरोज़गारी से बचाव।
गांधी बाबा कह गए कि यदि गाँवों को होगा खतरा,
तो पूरे देश की व्यवस्था जाएगी भरभरा।
उन्होंने दिया ग्राम स्वराज्य का कॉन्सेप्ट,
जिसे पूर्णतया किया गया इंजेक्ट।
गांधी जी ने मज़बूत व सशक्त गाँव का देखा सपना,
जिससे विकास के पथ पर दौड़ सकेगा देश अपना।
पंचायतों के पास होने चाहिए सभी अधिकार,
तब जाकर सरपट दौड़ेगी सरकार।
गांधी जी ने दिया एक ज़ोरदार उद्बोधन,
तब जाकर 1992 में हुआ 73वां संविधान संशोधन।
इसकी मदद से दी गयी निकायों को शक्ति,
किसके आधार पर दरिद्रता, ग़रीबी से होने लगी मुक्ति।
24 अप्रैल को मनाया जाता है पंचायती राज दिवस,
शुरुआत हुई थी इसकी जब था वो साल दो हज़ार दस।
प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह जी बने इसके सूत्रधार,
पंचायती राज व्यवस्था आज है विकास का आधार।
रचयिता
बबलू सोनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय कसराँव,
विकास खण्ड-हथगाम,
जनपद-फतेहपुर।
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