नेट युग में प्रासंगिक पुस्तक

ज्ञान का भण्डार है पुस्तक।
प्रगति का आधार है पुस्तक।
मानव की मार्गदर्शक पुस्तक।
जीवन मूल्य सिखाती पुस्तक।

व्यक्तित्व निखार लाती पुस्तक।
चरित्र-निर्माण करती पुस्तक।
प्रेरणा का भी स्रोत है पुस्तक।
शांति का एहसास है पुस्तक।

संस्कृति की धरोहर पुस्तक।
अतीत की संरक्षक पुस्तक।
भूत-भविष्य की योजक पुस्तक।
ज्ञान-विज्ञान संजोती पुस्तक।

देश-विदेश घुमाती पुस्तक।
बच्चों को बड़ी भाती पुस्तक।
कौशल का गुण लाती पुस्तक।
साहस, धैर्य भरती पुस्तक।

सुख-दुःख में है साथी पुस्तक।
एकांत में है साझी पुस्तक।
स्वाध्याय का जरिया पुस्तक।
निःस्वार्थ भाव से पूर्ण है पुस्तक।

सम्प्रेषण का माध्यम पुस्तक।
मनोरंजन का साधन पुस्तक।
कालजयी भी होती पुस्तक।
नेट युग मे प्रासंगिक पुस्तक।

संवेदनशील बनाती पुस्तक।
ऐक्य भावना लाती पुस्तक।
देश प्रेम जगाती पुस्तक।
सबल राष्ट्र निर्माता पुस्तक।

रचयिता
अर्चना गुप्ता,
सहायक अध्यापक,
उच्च प्राथमिक विद्यालय हाफिजपुर हरकरन, 
शिक्षा क्षेत्र-खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।

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