हमको प्रभु ऐसा वर दें
ईश्वर हमको ऐसा वर दो,
अच्छे-अच्छे काम करें।।
मानवता की सेवा करके,
हम दुनिया में नाम करें।।
सत्य, अहिंसा को अपनाकर,
गौतम, गांधी, राम बनें।
विफलताओं पर व्याकुल न हों,
रहें धैर्य के साथ खड़े।।
क्रोध को जीतें, क्षमा व्रत लें,
नम्र बने हम झुक के चलें।
तड़क-भड़क से हम दूर रहें,
जीवन सादा सरल बने।।
देशी कलम, कागज, कपड़ा,
दूध, दही, भोजन छक लें।
मन, वाणी, कर्म पवित्र बना,
ईश्वर चरणों में सुख लें।।
मात-पिता, गुरु की शुभ सेवा,
आचरण हृदय में भर लें।
स्वर्ग बना लें हम धरती को,
हमको प्रभु ऐसा वर दें।
अच्छे-अच्छे काम करें।।
मानवता की सेवा करके,
हम दुनिया में नाम करें।।
सत्य, अहिंसा को अपनाकर,
गौतम, गांधी, राम बनें।
विफलताओं पर व्याकुल न हों,
रहें धैर्य के साथ खड़े।।
क्रोध को जीतें, क्षमा व्रत लें,
नम्र बने हम झुक के चलें।
तड़क-भड़क से हम दूर रहें,
जीवन सादा सरल बने।।
देशी कलम, कागज, कपड़ा,
दूध, दही, भोजन छक लें।
मन, वाणी, कर्म पवित्र बना,
ईश्वर चरणों में सुख लें।।
मात-पिता, गुरु की शुभ सेवा,
आचरण हृदय में भर लें।
स्वर्ग बना लें हम धरती को,
हमको प्रभु ऐसा वर दें।
रचयिता
आसिया फ़ारूक़ी,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय अस्ती,
नगर क्षेत्र-फतेहपुर,
Bahut khub
ReplyDeleteBahut khub
ReplyDeleteBahut khub
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