दो का पहाड़ा
दो एकम दो,
खाने से पहले हाथ धो।
दो दूनी चार,
दाएँ बाएँ देखकर करो सड़क पार।
दो तियाँ छह,
सबके साथ मिलजुल कर रह।
दो चौक आठ,
भोजन करो मिल बाँट।
दो पंजे दस,
गर्मी में पी गन्ने का रस।
दो छिक्के बारह,
खेल कूद, मस्त रह।
दो सत्ते चौदह,
कसरत कर, स्वस्थ रह।
दो अट्ठे सोलह,
हमारी पृथ्वी गोल है।
दो निम अठारह,
प्रातः उठ प्रार्थना कह।
दो दहाई बीस,
कभी मत करो किसी की हिरस।
रचयिता
नीलम कौर,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय शाहबाजपुर,
विकास खण्ड-सिकन्दराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।
खाने से पहले हाथ धो।
दो दूनी चार,
दाएँ बाएँ देखकर करो सड़क पार।
दो तियाँ छह,
सबके साथ मिलजुल कर रह।
दो चौक आठ,
भोजन करो मिल बाँट।
दो पंजे दस,
गर्मी में पी गन्ने का रस।
दो छिक्के बारह,
खेल कूद, मस्त रह।
दो सत्ते चौदह,
कसरत कर, स्वस्थ रह।
दो अट्ठे सोलह,
हमारी पृथ्वी गोल है।
दो निम अठारह,
प्रातः उठ प्रार्थना कह।
दो दहाई बीस,
कभी मत करो किसी की हिरस।
रचयिता
नीलम कौर,
सहायक अध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय शाहबाजपुर,
विकास खण्ड-सिकन्दराबाद,
जनपद-बुलंदशहर।
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