महाकवि तुलसीदास
रोम - रोम में बसता, राम नाम का ही वास
रामबोला नाम था उनका, हुए तुलसीदास
आत्माराम पिता, माता हुलसी के थे संतान
जन्म समय ही राम पुकारा, बालक महान
बालक का अद्भुत रूप, था 32 दांतो वाला
छवि देख माता स्वर्ग सिधारी, दासी ने पाला
कद काठी नहीं नहीं था, उनका शिशु सामान
घर बार छोड़ पिता ने, किया खुद वैराग्य पान
चुनिया के मृत्यु से, रामबोला फिर हुए अनाथ
दर - दर भटकता बचपन, ना था कोई साथ
गाँव - कस्बा भटक कर, किया जीवन यापन
नरहरि ने तुलसी नाम दिया, था नया जीवन
रत्नावली संग ब्याह कर, गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया
गौने में कुछ दिन बाकी थे, मिलन को मन अधीर किया
मिलन की व्याकुलता में, उफनती यमुना पार गए रत्नावली के शयनकक्ष में, सब लोक लाज तार गए
तुलसीदास के इस कृत्य को, भार्या ने था दुत्कारा
नेह लगाओ प्रभु नाम से तुम, हो जीवन उजियारा
शब्द बाणों से घायल तुलसी, त्याग प्रेम अनुराग चलें
राम नाम को भजते-भजते, यमुना पार वो बैराग चले
तुलसी हृदय बसे रघुराई, रामचरितमानस रचना करायी
हनुमान चालीसा, जानकी मंगल, दोहावली सबने पायी
महाकवि तुलसीदास का, अवतरण दिवस है खास
राम नाम को भज ले बन्दे, नमन कर रख विश्वास
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
रामबोला नाम था उनका, हुए तुलसीदास
आत्माराम पिता, माता हुलसी के थे संतान
जन्म समय ही राम पुकारा, बालक महान
बालक का अद्भुत रूप, था 32 दांतो वाला
छवि देख माता स्वर्ग सिधारी, दासी ने पाला
कद काठी नहीं नहीं था, उनका शिशु सामान
घर बार छोड़ पिता ने, किया खुद वैराग्य पान
चुनिया के मृत्यु से, रामबोला फिर हुए अनाथ
दर - दर भटकता बचपन, ना था कोई साथ
गाँव - कस्बा भटक कर, किया जीवन यापन
नरहरि ने तुलसी नाम दिया, था नया जीवन
रत्नावली संग ब्याह कर, गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया
गौने में कुछ दिन बाकी थे, मिलन को मन अधीर किया
मिलन की व्याकुलता में, उफनती यमुना पार गए रत्नावली के शयनकक्ष में, सब लोक लाज तार गए
तुलसीदास के इस कृत्य को, भार्या ने था दुत्कारा
नेह लगाओ प्रभु नाम से तुम, हो जीवन उजियारा
शब्द बाणों से घायल तुलसी, त्याग प्रेम अनुराग चलें
राम नाम को भजते-भजते, यमुना पार वो बैराग चले
तुलसी हृदय बसे रघुराई, रामचरितमानस रचना करायी
हनुमान चालीसा, जानकी मंगल, दोहावली सबने पायी
महाकवि तुलसीदास का, अवतरण दिवस है खास
राम नाम को भज ले बन्दे, नमन कर रख विश्वास
रचयिता
वन्दना यादव "गज़ल"
अभिनव प्रा० वि० चन्दवक,
विकास खण्ड-डोभी,
जनपद-जौनपुर।
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