अनुशासन

कार्यक्षेत्र हो या विद्यालय
अनुशासन पर हो शासन।

करें विद्यार्थी लक्ष्य निर्धारण
अनुशासन का हो पालन।

कठिन राह होतीं आसान
अनुशासन से करे जो काम।

सदाचार, सद्विचार का आगम
रागद्वेष का न हो समागम।

चित्त हो जब एकाग्र और संयम
नभ छूने का होता मन।

कलुषित मन को त्यज तुम हरदम
अनुशासन पर करो प्रशासन।

तब कर्म का पथ बन जाता सुपथ
और जीवन भी बन जाता सुखद।

औषधि -सा होता अनुशासन
इस पर करें सभी हम शासन।।
         
रचयिता
दीपा पाण्डेय,
प्रवक्ता संस्कृत,
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज काकड़,
विकास खण्ड-बाराकोट,
जनपद-चम्पावत।

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