अच्छी आदतें सँवारें
सुबह-सवेरे उठकर बच्चों,
बड़े जनों को करो प्रणाम।
अच्छे-अच्छे काम करोगे,
जग में होगा रोशन नाम।।
सुबह-रात को नित दिन बच्चों
साफ करना है दाँतों को।
वरना कीटाणु पनपते हैं,
मुँह और दाँत में रातों को।।
रोज नहाकर खाना खाओ,
बन ठनकर पाठशाला जाओ।
अच्छे से पढ़ लिख करके,
जग में अपना नाम कमाओ।।
बार-बार अपने हाथों को,
साबुन पानी से धोना है।
तभी रहेंगे सदा स्वस्थ हम,
यह सबको बतलाना है।।
अपने शरीर के साथ-साथ,
आस-पास को भी स्वच्छ बनाना है,
घर का कूड़ा करकट हमको,
कूडे़दान मे डालना है।।
रचयिता
अरुणा राज,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय जिवालाखाल,
विकास खण्ड-कीर्तिनगर,
जनपद-टिहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
बड़े जनों को करो प्रणाम।
अच्छे-अच्छे काम करोगे,
जग में होगा रोशन नाम।।
सुबह-रात को नित दिन बच्चों
साफ करना है दाँतों को।
वरना कीटाणु पनपते हैं,
मुँह और दाँत में रातों को।।
रोज नहाकर खाना खाओ,
बन ठनकर पाठशाला जाओ।
अच्छे से पढ़ लिख करके,
जग में अपना नाम कमाओ।।
बार-बार अपने हाथों को,
साबुन पानी से धोना है।
तभी रहेंगे सदा स्वस्थ हम,
यह सबको बतलाना है।।
अपने शरीर के साथ-साथ,
आस-पास को भी स्वच्छ बनाना है,
घर का कूड़ा करकट हमको,
कूडे़दान मे डालना है।।
रचयिता
अरुणा राज,
प्रधानाध्यापक,
राजकीय प्राथमिक विद्यालय जिवालाखाल,
विकास खण्ड-कीर्तिनगर,
जनपद-टिहरी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।
सुंदर सीख लिए हुए कविता👌👌👌👌
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
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