नन्हीं दुनिया

तर्ज-चेहरा है या चाँद....

 नन्हें सपने नन्हीं दुनिया
 हम बच्चों की प्यारी दुनिया
 खेल खिलौने हमें हैं भाते
 रंग बिरंगी प्यारी दुनिया।

चंदा मामा प्यारे -प्यारे
आते रोज हैं पास हमारे
सूरज चाचू जब भी आएँ
जग में उजियारा फैलाएँ।
आसमान में नन्हें तारे
लगते हमको कितने प्यारे
दूर देश हम कहीं भी जाएँ
रहते संग हमारे सारे।

नन्हें सपने नन्ही दुनिया......

दूर देश से आती तितली
हमको बहुत है भाती तितली
बिल्ली मौसी प्यारी लगतीं
घर में साथ हमारे रहतीं।

गुब्बारे जब आते बिकने
लगता हो जाएँ सब अपने
कार्टून हैं दोस्त हमारे
बड़े सजीले प्यारे न्यारे।

 नन्हें सपने नन्ही दुनिया..।

मम्मी पापा प्यारे लगते
पूरा घर संसार हैं लगते
भैया बहना साथ हैं रहते
एक दूजे का ख्याल हैं रखते।

घर में आतीं जब भी नानी
हमको सुनातीं प्यारी कहानी
परी लोक की सुंदर बातें
सच्ची लगतीं हमको कहानी

नन्हें सपने नन्हीं दुनिया
हम बच्चों की प्यारी दुनिया
खेल खिलौने हमें हैं भाते
रंग बिरंगी प्यारी दुनिया।।
       
रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।

Comments

Total Pageviews