पेड़ लगाओ जीवन बचाओ

आओ सब मिल संकल्प करें,
वृक्ष लगाकर धरा का श्रृंगार करें।।
 
   ताप धरा का बढता जाए,
   जलस्तर नित घटता जाए।

कठिन हो गया जीवन जीना,
सुख, चैन, सुविधा सब छीना।

    आओ सब मिल संकल्प करें,
    वृक्ष लगाकर धरा का श्रृंगार करें।

वृक्षों की भी सुन चीत्कार,
मुझे बचा मत कर संहार।
 
   दर्द मुझे भी होता है,
   खंजर जब तू चलाता है।

आओ सब मिल संकल्प करें,
वृक्ष लगाकर धरा का श्रृंगार करें।

     मुझ पर क्यों खंजर चलाकर,
     बन  बैठा  है  तू दानव।

मैं भी तो उस प्रभु का अंश हूं,
समझ न पाता क्यों तू मानव।

        आओ सब मिल संकल्प करें,
       वृक्ष लगाकर धरा का श्रृंगार करें।

गर मुझे बचा लेगा,
धरा को मैं संवारूँगा।

        एक नहीं  दो नहीं,
पीढ़ियों को तेरी सम्हालूँगा।

    आओ सब मिल संकल्प करें,
    वृक्ष लगाकर धरा का श्रृंगार करें।।

रचयिता
इन्दु पंवार,
प्रधानाध्यापक,
रा. प्राथमिक विद्यालय गिरगाँव,
जनपद-पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड।

Comments

Total Pageviews