अब्दुल कलाम
अक्टूबर 1931।
रामेश्वरम में यह जन्मे।।
बचपन देखो इनका।
गुजरा बहुत ही गरीबी में।।
11 वें राष्ट्रपति बनकर।
गौरव है हासिल किया।।
देखो उन्होंने मेहनत से।
भारत को मिसाइल दिया।।
डीआरडीओ इसरो में।
अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।।
लगातार काम करते रहने का।
उन्होंने संदेश दिया।।
देश के लिए कुछ करने का।
जज्बा था हासिल।।
जो भारत को सफल।
बनाने के लिए था काबिल।।
विंग्स ऑफ फायर।
आत्मकथा इन्होंने लिखी।।
अंतरिक्ष में सफलता की।
कहानी इन्होंने रची।।
पोखरण परीक्षण करके।
भारत को परमाणु शक्ति बनाया।।
पूरे विश्व में देखो उन्होंने।
भारत का डंका बजाया।।
रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां,
जनपद-फ़तेहपुर।
रामेश्वरम में यह जन्मे।।
बचपन देखो इनका।
गुजरा बहुत ही गरीबी में।।
11 वें राष्ट्रपति बनकर।
गौरव है हासिल किया।।
देखो उन्होंने मेहनत से।
भारत को मिसाइल दिया।।
डीआरडीओ इसरो में।
अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।।
लगातार काम करते रहने का।
उन्होंने संदेश दिया।।
देश के लिए कुछ करने का।
जज्बा था हासिल।।
जो भारत को सफल।
बनाने के लिए था काबिल।।
विंग्स ऑफ फायर।
आत्मकथा इन्होंने लिखी।।
अंतरिक्ष में सफलता की।
कहानी इन्होंने रची।।
पोखरण परीक्षण करके।
भारत को परमाणु शक्ति बनाया।।
पूरे विश्व में देखो उन्होंने।
भारत का डंका बजाया।।
रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां,
जनपद-फ़तेहपुर।
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