हम बेसिक के शिक्षक हैं
हम बेसिक के शिक्षक हैं,
संघर्ष हमारा साथी।
देश की हम नींव सजाते,
देते शिक्षा बुनियादी।
बड़ी-बड़ी बातें न करते,
बस मेहनत हम करते हैं।
नन्हें पुष्पों के जीवन में
ज्ञान का दीप जलाते हैं।
छिपी हुई प्रतिभाओं को,
नई दिशा हम देते हैं।
गाँव की सोंधी माटी से,
देश के लाल चुनते हैं।
जिनका कोई हाथ न थामे,
हम प्यार से गले लगाते हैं।
नन्हीं आँखों में सपने भर,
देश की शान बनाते हैं।
कभी शिक्षक, कभी अभिभावक,
कभी रसोईया कभी सफाईकर्मी बन जाते हैं।
पूरी पाठशाला को हम सजाते,
चुन-चुन रंग भर जाते हैं।
गुरु पद की अदभुत शक्ति,
जाने कैसे सब कर जाते हैं।
इतनी कठिन परिस्थिति में भी,
ज्ञान का फूल खिलाते हैं।
किसी सम्मान का लोभ नहीं,
बस कर्म हम करते जाते हैं।
सज जाए मासूमों का भविष्य,
बस यही सोच कलम उठाते हैं।
हम बेसिक के शिक्षक हैं
गर्व से ये हम कहते हैं।
रचयिता
सुधा गोस्वामी,
सहायक शिक्षिका,
प्रथमिक विद्यालय गौरिया खुर्द,
विकास क्षेत्र-गोसाईंगंज,
जनपद-लखनऊ।
संघर्ष हमारा साथी।
देश की हम नींव सजाते,
देते शिक्षा बुनियादी।
बड़ी-बड़ी बातें न करते,
बस मेहनत हम करते हैं।
नन्हें पुष्पों के जीवन में
ज्ञान का दीप जलाते हैं।
छिपी हुई प्रतिभाओं को,
नई दिशा हम देते हैं।
गाँव की सोंधी माटी से,
देश के लाल चुनते हैं।
जिनका कोई हाथ न थामे,
हम प्यार से गले लगाते हैं।
नन्हीं आँखों में सपने भर,
देश की शान बनाते हैं।
कभी शिक्षक, कभी अभिभावक,
कभी रसोईया कभी सफाईकर्मी बन जाते हैं।
पूरी पाठशाला को हम सजाते,
चुन-चुन रंग भर जाते हैं।
गुरु पद की अदभुत शक्ति,
जाने कैसे सब कर जाते हैं।
इतनी कठिन परिस्थिति में भी,
ज्ञान का फूल खिलाते हैं।
किसी सम्मान का लोभ नहीं,
बस कर्म हम करते जाते हैं।
सज जाए मासूमों का भविष्य,
बस यही सोच कलम उठाते हैं।
हम बेसिक के शिक्षक हैं
गर्व से ये हम कहते हैं।
रचयिता
सुधा गोस्वामी,
सहायक शिक्षिका,
प्रथमिक विद्यालय गौरिया खुर्द,
विकास क्षेत्र-गोसाईंगंज,
जनपद-लखनऊ।
Nice
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