बेसिक शिक्षक का उद्देश्य

हमें,
बनकर शिक्षक,
शिक्षण धर्म को निभाना है,
एक-एक अक्षर का ज्ञान कराना है,
बालमन के भावों को समझ-समझ,
बाल प्रतिभा को जग पटल पर लाना है,
बाल हठ को मानकर शिक्षण को आगे बढ़ाना है,
बालक अच्छा बुरा विचार सके इस योग्य बनाना है,
बालक के कोमल हृदय को भाव पुष्पों से सजाना है,
मन मस्तिष्क में उसके, बिना ताप का  ज्ञान दीपक जलाना है,
एक शिक्षक बनकर नहीं एक मार्गदर्शक बनकर बालक को समझाना है,
शिक्षण तो एक बहाना है वास्तव में बालक को सर्वगुणसम्पन्न नागरिक बनाना है।।

रचयिता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक, 
प्राथमिक विद्यालय उदयापुर, 
विकास खण्ड-भीतरगाँव,
जनपद-कानपुर नगर।

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