लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

तिलक जी का जन्म हुआ 23 जुलाई 1856 में
रत्नागिरी जिले में जो पड़ता था महाराष्ट्र में।।

अंग्रेज उनसे थरथर काँपते थे,
यह शिवाजी व गणपति उत्सव मनाते थे।।

यातनाएँ दीं अंग्रेजों ने उन्हें अनेक,
लाल बाल पाल में यह भी थे एक।।

मराठा और केसरी पत्र का संपादन किया,
क्रांतिकारी विचारों को जनमानस तक फैला दिया।।

अंग्रेजों ने रचा बहुत घृणित खेल,
भेज दिया उनको मांडले जेल।।

जेल से आकर होम रूल लीग बनाया,
क्रांतिकारियों ने इसे खूब सराहा।।

स्वराज की बात यह करते थे,
अंग्रेजों से कभी नहीं डरते थे।।

 गांधी जी ने इन्हें भारत का निर्माता कहा,
 देश हित में हर कष्ट हँसते-हँसते सहा। 

रचयिता
सुधांशु श्रीवास्तव,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय मणिपुर,
विकास खण्ड-ऐरायां, 
जनपद-फ़तेहपुर।

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