४६८~ उषा भट्ट (स०अ०) रा०पू०मा०वि० गढी श्यामपुर, ब्लाक - डोईवाला जिला - देहरादून (उत्तराखण्ड)
🏅अनमोल रत्न🏅
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन उषा भट्ट जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, व्यवहार कुशलता एवं विद्यालय और बच्चों के प्रति समर्पित दृष्टि कोण से सेवाकाल के विविध विद्यालयों को बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र एवं समाज के लिए विश्वास का केन्द्र बनाया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2705810516363195&id=1598220847122173
👉1- शिक्षक परिचय : उषा भट्ट (स०अ०) रा०पू०मा०वि० गढी श्यामपुर, ब्लाक - डोईवाला
जिला - देहरादून (उत्तराखण्ड)
प्रथम नियुक्ति - 17-09-1992
वर्तमान विद्यालय
रा०पू०मा०वि० गढी श्यामपुर
👉2- मेरे द्वारा किए गए शैक्षिक प्रयास :
मेरी प्रथम नियुक्ति 17-09-1992 को प्रा०वि० गौर्या, जखोली - ब्लॉक जिला - टिहरी गढवाल में स०अ० के रूप में हुई। अध्ययनरत छात्र संख्या 60 थी तथा अत्यंत पिछड़े परिवारों के होने के कारण जागरूकता की कमी थी। घर - घर जाकर उनको शिक्षा के प्रति जागरूक करना मेरा पहला उद्देश्य था।
👉स्थानांतरण दो वर्ष बाद प्रा०वि० तोणखंड जखोली - ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल में हुआ। अध्ययनरत छात्र संख्या 80 थी। गाँव में ही निवास होने के कारण बच्चों को अपना अतिरिक्त समय दे कर उनको घर पर पढ़ाया व कोशिश रही के सभी लोग शिक्षा से जुड़ें।
👉स्थानांतरण वर्ष 1998 में प्रा० वि० उठड़, विकासखंड - जाखणीधार, जिला - टिहरी के लम्पोगड़ी में हुआ। अध्ययनरत
छात्र संख्या 55 थी। बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना मेरा पहला मकसद रहा है जिसके लिए मैं समय समय पर जो भी जरूरी हो करने को तत्पर रहती रही।
👉2- विद्यालय की समस्याएं :-
विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण, बिजली-पानी की समस्या, छात्रों के पास कॉपी, पेन, पेंसिल नहीं थी।
👉अध्यापकों के बैठने के लिए मेज-कुर्सी तथा छात्रों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं थी।
👉समस्याओं के समाधान के प्रयास-👉शाखा विद्यालय लम्पोगड़ी अभिभावकों से संपर्क कर अध्यापकों के बैठने के लिए मेज कुर्सी, छात्रों के लिए टाट्पट्टी की व्यवस्था की गयी।
👉विद्यालय भवन न होने के कारण पंचायत भवन में बैठने की व्यवस्था करवाई।
👉 छात्रों को छात्रवृति, खेल कूद में जिला स्तर तक प्रतिभाग कराया। इस विद्यालय में मैंने 9 वर्ष तक सेवा की।
दिनांक 20-8-2004 में मेरी पदोन्नति स०अ० के पद पर रा०क०जू०हा० स्वाति, टिहरी जिले में हुई।
👉छात्र संख्या 15 थी।
👉वर्ष 2009 में मुझे प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला। डैम प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उस समय छात्रः संख्या मात्र तीन थी।
👉मेरे द्वारा गाँव में जन संपर्क किया गया। अन्य गाँव में भ्रमण कर छात्र संख्या धीरे - धीरे बढ़ने लगी और 16 हो गई। साधन विहीन छात्रों को कॉपी, पेन, पेंसिल स्वयं के संसाधनों द्वारा वितरित की गई।
👉विद्यालय की स्थिति जीर्ण शीर्ण थी। विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक करवाई तथा विभाग को बार - बार पत्र प्रेषित किया तब मेरा प्रयास रंग लाया और विभाग द्वारा विद्यालय भवन निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत की गई।
👉विद्यालय भवन का निर्माण करवाया, किचन कम स्टोर का निर्माण करवाया, बालक बालिका शौचालय का निर्माण कराया, बिजली का कनेक्शन, पानी की व्यवस्था की। बच्चों के बैठने हेतु मेज कुर्सी की व्यवस्था की गई।
👉खेल कूद, सुलेख, सामान्य ज्ञान, कबड्डी, खो-खो आदि खेलों में प्रतिभाग और बच्चों को स्वयं से समय-समय पर पुरस्कृत भी किया गया।
👉छात्रों को विज्ञान प्रतियोगिता में प्रतिभाग करवाने पर *5000* रुपये की धनराशि पुरुस्कार में प्राप्त की।
दिनांक 03-01-2016 में मेरा अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण वर्तमान विद्यालय रा०पू०मा०वि० स्कूल गढी श्यामपुर, ब्लॉक - डोईवाला, देहरादून में हुआ।
👉छात्र संख्या 45 थी,
👉कमजोर छात्रों पर अलग से समय दे कर मेहनत की गई।
👉स्कूल चलो अभियान, प्रवेशोत्सव, राष्ट्रीय पर्वों पर रैली निकाली गई।
👉गांधी जयंती, शिक्षक दिवस पर बच्चों को कहानी, निबंध,चित्रकला, लोकनृत्य आदि में प्रतिभाग
👉खेल कूद में प्रतिभाग, Good touch Bad touch, सड़क परिवहन के नियम, बच्चों की सरकार, मंत्रिपरिषद का गठन की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया गया व पुरस्कृत किया गया।
👉वर्ष 2019 में मैं मिशन शिक्षण संवाद से जुड़ी। विद्यालय में मेरे द्वारा बच्चों को प्रतिदिन योगाभ्यास और श्यामपट्ट कार्य कराया गया। योगासन में बच्चों द्वारा जिला स्तर तक प्रतिभाग करवाया गया तथा सी०आर०सी० व ब्लॉक में योगा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
👉कोविड़-19 की वजह से विद्यालय बंद होने पर मिशन शिक्षण संवाद द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई करायी गयी। बच्चों द्वारा माह मई में ऑनलाइन मासिक परीक्षा दी गई।
👉 लॉक डाउन के चलते 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर बच्चों व अध्यापकों द्वारा अपने -अपने घरों में वृक्ष लगाए गए।
👉21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020-21 बच्चों ने अपने-अपने घरों में योगासन में प्रतिभाग किया। मेरे द्वारा भी योगासन में प्रतिभाग किया गया।
👉मिशन शिक्षण संवाद के सफल प्रयास से रेडटेप मूवमेंट विश्व पर्यावरण दिवस पर मुझे प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। मिशन शिक्षण संवाद द्वारा योगासन में प्रतिभागी बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गये।
मेरी हमेशा यही कामना है के मैं अपने उद्देश्यों में सफल हो सकूं और अपना जीवन इन बच्चों की उन्नति में लगा सकूं।
👉मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए संदेश:-
मिशन शिक्षण संवाद से लगभग 2 वर्षों से जुड़ी हूँ। मैं फेसबुक तथा व्हाट्सएप के माध्यम से इस परिवार से जुड़ गई थी तथा इससे जुड़कर मैंने विभिन्न प्रकार की शिक्षण की गतिविधियों, नवाचारों तथा सकारात्मक परिवर्तन से परिचय हुआ। शिक्षक का सही सम्मान व उसके कार्य को महत्व इस परिवार में दिया जाता है शिक्षक की योग्यता उसकी कार्य तथा उसके विद्यालय में सकारात्मक परिवर्तन के आधार पर आंकी जाती है। इस परिवार से जुड़े हुए सभी शिक्षकों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
👉शिक्षक समाज के लिए संदेश-* शिक्षा में नवाचार के लिए शून्य धन निवेश हो सकता है लेकिन शून्य निवेश जैसी कोई चीज नहीं क्योंकि किसी शिक्षक की मेहनत व लीक से हटकर किया गया कार्य एक सार्थक निवेश है इसमें शिक्षक का निजी समय और कभी-कभी संसाधन भी लग जाते हैं।।
📝साभार
नीरलता मिशन शिक्षण संवाद टीम जनपद देहरादून
👉 संकलन, सहयोग व प्रेरणा के लिए - मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उत्तराखण्ड राज्य प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता जी का आभार व धन्यवाद।
22-07-2020
नोट : मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर - 9458278429 पर लिखें।।
मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से देवभूमि उत्तराखंड से अनमोल रत्न शिक्षिका बहन उषा भट्ट जी से करा रहे हैं जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच, व्यवहार कुशलता एवं विद्यालय और बच्चों के प्रति समर्पित दृष्टि कोण से सेवाकाल के विविध विद्यालयों को बच्चों के लिए आकर्षण का केन्द्र एवं समाज के लिए विश्वास का केन्द्र बनाया है। जो हम सभी के लिए प्रेरक एवं अनुकरणीय प्रयास हैं।
आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:-
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👉1- शिक्षक परिचय : उषा भट्ट (स०अ०) रा०पू०मा०वि० गढी श्यामपुर, ब्लाक - डोईवाला
जिला - देहरादून (उत्तराखण्ड)
प्रथम नियुक्ति - 17-09-1992
वर्तमान विद्यालय
रा०पू०मा०वि० गढी श्यामपुर
👉2- मेरे द्वारा किए गए शैक्षिक प्रयास :
मेरी प्रथम नियुक्ति 17-09-1992 को प्रा०वि० गौर्या, जखोली - ब्लॉक जिला - टिहरी गढवाल में स०अ० के रूप में हुई। अध्ययनरत छात्र संख्या 60 थी तथा अत्यंत पिछड़े परिवारों के होने के कारण जागरूकता की कमी थी। घर - घर जाकर उनको शिक्षा के प्रति जागरूक करना मेरा पहला उद्देश्य था।
👉स्थानांतरण दो वर्ष बाद प्रा०वि० तोणखंड जखोली - ब्लॉक, टिहरी गढ़वाल में हुआ। अध्ययनरत छात्र संख्या 80 थी। गाँव में ही निवास होने के कारण बच्चों को अपना अतिरिक्त समय दे कर उनको घर पर पढ़ाया व कोशिश रही के सभी लोग शिक्षा से जुड़ें।
👉स्थानांतरण वर्ष 1998 में प्रा० वि० उठड़, विकासखंड - जाखणीधार, जिला - टिहरी के लम्पोगड़ी में हुआ। अध्ययनरत
छात्र संख्या 55 थी। बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना मेरा पहला मकसद रहा है जिसके लिए मैं समय समय पर जो भी जरूरी हो करने को तत्पर रहती रही।
👉2- विद्यालय की समस्याएं :-
विद्यालय भवन जीर्ण-शीर्ण, बिजली-पानी की समस्या, छात्रों के पास कॉपी, पेन, पेंसिल नहीं थी।
👉अध्यापकों के बैठने के लिए मेज-कुर्सी तथा छात्रों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं थी।
👉समस्याओं के समाधान के प्रयास-👉शाखा विद्यालय लम्पोगड़ी अभिभावकों से संपर्क कर अध्यापकों के बैठने के लिए मेज कुर्सी, छात्रों के लिए टाट्पट्टी की व्यवस्था की गयी।
👉विद्यालय भवन न होने के कारण पंचायत भवन में बैठने की व्यवस्था करवाई।
👉 छात्रों को छात्रवृति, खेल कूद में जिला स्तर तक प्रतिभाग कराया। इस विद्यालय में मैंने 9 वर्ष तक सेवा की।
दिनांक 20-8-2004 में मेरी पदोन्नति स०अ० के पद पर रा०क०जू०हा० स्वाति, टिहरी जिले में हुई।
👉छात्र संख्या 15 थी।
👉वर्ष 2009 में मुझे प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार मिला। डैम प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उस समय छात्रः संख्या मात्र तीन थी।
👉मेरे द्वारा गाँव में जन संपर्क किया गया। अन्य गाँव में भ्रमण कर छात्र संख्या धीरे - धीरे बढ़ने लगी और 16 हो गई। साधन विहीन छात्रों को कॉपी, पेन, पेंसिल स्वयं के संसाधनों द्वारा वितरित की गई।
👉विद्यालय की स्थिति जीर्ण शीर्ण थी। विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक करवाई तथा विभाग को बार - बार पत्र प्रेषित किया तब मेरा प्रयास रंग लाया और विभाग द्वारा विद्यालय भवन निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत की गई।
👉विद्यालय भवन का निर्माण करवाया, किचन कम स्टोर का निर्माण करवाया, बालक बालिका शौचालय का निर्माण कराया, बिजली का कनेक्शन, पानी की व्यवस्था की। बच्चों के बैठने हेतु मेज कुर्सी की व्यवस्था की गई।
👉खेल कूद, सुलेख, सामान्य ज्ञान, कबड्डी, खो-खो आदि खेलों में प्रतिभाग और बच्चों को स्वयं से समय-समय पर पुरस्कृत भी किया गया।
👉छात्रों को विज्ञान प्रतियोगिता में प्रतिभाग करवाने पर *5000* रुपये की धनराशि पुरुस्कार में प्राप्त की।
दिनांक 03-01-2016 में मेरा अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण वर्तमान विद्यालय रा०पू०मा०वि० स्कूल गढी श्यामपुर, ब्लॉक - डोईवाला, देहरादून में हुआ।
👉छात्र संख्या 45 थी,
👉कमजोर छात्रों पर अलग से समय दे कर मेहनत की गई।
👉स्कूल चलो अभियान, प्रवेशोत्सव, राष्ट्रीय पर्वों पर रैली निकाली गई।
👉गांधी जयंती, शिक्षक दिवस पर बच्चों को कहानी, निबंध,चित्रकला, लोकनृत्य आदि में प्रतिभाग
👉खेल कूद में प्रतिभाग, Good touch Bad touch, सड़क परिवहन के नियम, बच्चों की सरकार, मंत्रिपरिषद का गठन की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया गया व पुरस्कृत किया गया।
👉वर्ष 2019 में मैं मिशन शिक्षण संवाद से जुड़ी। विद्यालय में मेरे द्वारा बच्चों को प्रतिदिन योगाभ्यास और श्यामपट्ट कार्य कराया गया। योगासन में बच्चों द्वारा जिला स्तर तक प्रतिभाग करवाया गया तथा सी०आर०सी० व ब्लॉक में योगा में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
👉कोविड़-19 की वजह से विद्यालय बंद होने पर मिशन शिक्षण संवाद द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई करायी गयी। बच्चों द्वारा माह मई में ऑनलाइन मासिक परीक्षा दी गई।
👉 लॉक डाउन के चलते 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर बच्चों व अध्यापकों द्वारा अपने -अपने घरों में वृक्ष लगाए गए।
👉21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020-21 बच्चों ने अपने-अपने घरों में योगासन में प्रतिभाग किया। मेरे द्वारा भी योगासन में प्रतिभाग किया गया।
👉मिशन शिक्षण संवाद के सफल प्रयास से रेडटेप मूवमेंट विश्व पर्यावरण दिवस पर मुझे प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। मिशन शिक्षण संवाद द्वारा योगासन में प्रतिभागी बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गये।
मेरी हमेशा यही कामना है के मैं अपने उद्देश्यों में सफल हो सकूं और अपना जीवन इन बच्चों की उन्नति में लगा सकूं।
👉मिशन शिक्षण संवाद परिवार के लिए संदेश:-
मिशन शिक्षण संवाद से लगभग 2 वर्षों से जुड़ी हूँ। मैं फेसबुक तथा व्हाट्सएप के माध्यम से इस परिवार से जुड़ गई थी तथा इससे जुड़कर मैंने विभिन्न प्रकार की शिक्षण की गतिविधियों, नवाचारों तथा सकारात्मक परिवर्तन से परिचय हुआ। शिक्षक का सही सम्मान व उसके कार्य को महत्व इस परिवार में दिया जाता है शिक्षक की योग्यता उसकी कार्य तथा उसके विद्यालय में सकारात्मक परिवर्तन के आधार पर आंकी जाती है। इस परिवार से जुड़े हुए सभी शिक्षकों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं।
👉शिक्षक समाज के लिए संदेश-* शिक्षा में नवाचार के लिए शून्य धन निवेश हो सकता है लेकिन शून्य निवेश जैसी कोई चीज नहीं क्योंकि किसी शिक्षक की मेहनत व लीक से हटकर किया गया कार्य एक सार्थक निवेश है इसमें शिक्षक का निजी समय और कभी-कभी संसाधन भी लग जाते हैं।।
📝साभार
नीरलता मिशन शिक्षण संवाद टीम जनपद देहरादून
👉 संकलन, सहयोग व प्रेरणा के लिए - मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से उत्तराखण्ड राज्य प्रभारी लक्ष्मण सिंह मेहता जी का आभार व धन्यवाद।
22-07-2020
नोट : मिशन शिक्षण संवाद में सहयोग और सुझाव के लिए वाट्सअप नम्बर - 9458278429 पर लिखें।।
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