कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस की ये गाथा
सैनिकों के सामने झुका हमारा माथा
आरंभ हुआ यह 3 मई 1999 को
विजय दिवस मनाया गया
26 जुलाई 1999 को।
अपनी जान की परवाह किए बिना
पाकिस्तान को धूल चटाई थी
झुकने नहीं दिया था
तिरंगे की आन, बान और शान को।
पूरे किए संकल्प
भारत माँ की रक्षा के लिए
सलाम ऐसे शूरवीरों को
जो ऑपरेशन विजय में शहीद हुए ।
जान गया पूरा संसार
भारत के शूरवीरों की गाथा को
प्रणाम है उनके अदम्य साहस,
मर्यादा, संकल्प और प्रण को।
धन्य है वे माँएँ जिन्होंने
ऐसे सपूतों को जन्म दिया
नमन ऐसे शूरवीरों को
जिन्होंने जंग में हिस्सा लिया।
यह विजय है भारत के
सामर्थ्य और साहस की
अब ना करेगा कोई टेढ़ी आँख
चीन हो या पाकिस्तान।
हमारा भारत महान
रचयिता
सुषमा मलिक,
कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,
विकास खण्ड-सिंभावली,
जनपद-हापुड़।
सैनिकों के सामने झुका हमारा माथा
आरंभ हुआ यह 3 मई 1999 को
विजय दिवस मनाया गया
26 जुलाई 1999 को।
अपनी जान की परवाह किए बिना
पाकिस्तान को धूल चटाई थी
झुकने नहीं दिया था
तिरंगे की आन, बान और शान को।
पूरे किए संकल्प
भारत माँ की रक्षा के लिए
सलाम ऐसे शूरवीरों को
जो ऑपरेशन विजय में शहीद हुए ।
जान गया पूरा संसार
भारत के शूरवीरों की गाथा को
प्रणाम है उनके अदम्य साहस,
मर्यादा, संकल्प और प्रण को।
धन्य है वे माँएँ जिन्होंने
ऐसे सपूतों को जन्म दिया
नमन ऐसे शूरवीरों को
जिन्होंने जंग में हिस्सा लिया।
यह विजय है भारत के
सामर्थ्य और साहस की
अब ना करेगा कोई टेढ़ी आँख
चीन हो या पाकिस्तान।
हमारा भारत महान
रचयिता
सुषमा मलिक,
कंपोजिट स्कूल सिखेड़ा,
विकास खण्ड-सिंभावली,
जनपद-हापुड़।
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