अंतरराष्ट्रीय बाघ संरक्षण दिवस
आओ अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाएँ,
बाघ सरंक्षण जागरूकता अभियान चलाएँ।
घटती जा रही है संख्या बाघों की प्रतिदिन,
हो जाएँगे विलुप्त बाघ जग में एक दिन।
राष्ट्रीय पशु है बाघ हमारा,
इनकी रक्षा है कर्तव्य हमारा।
बाघ शान, सतर्कता बुद्धि और धीरज का है प्रतीक,
बाघ है भारतीय उपमहाद्वीप का भी प्रतीक।
नगरीकरण और कृषि विस्तारण,
बाघों की विलुप्तता के हैं कारण।
हम सब ने किया जनसंख्या विस्तार,
बाघों की संख्या पर किया प्रहार।
बाघों की चमड़ी और हड्डी के खातिर,
अवैध शिकार में जन हो गए माहिर।
झूठी शान की खातिर लोगों ने,
बाघों की हत्या कर दी दुष्टों ने।
जलवायु परिवर्तन से, वन हो गए कम,
आवास की कमी से बाघ हो गए कम।
छह प्रजातियाँ मुख्य हैं बाघों की,
बंगाल, साइबेरियन व मलायन।
सुमात्रा, इंडो चाइनीज, साउथ चाइना,
बिन संरक्षण बचेंगे बाघ ये भी ना।
हमारी पीढ़ियाँ चित्रों में ही देखेगी बाघ,
यदि ना किए जतन हमने बचाने के बाघ।
समय रहते हम सब अपना फर्ज निभाएँ,
बाघ बचाने के कुछ नियम अपनाएँ।
गाँव शहरों में जागरूकता अभियान चलाएँ,
सरकारों संग आमजनों को भी भागीदार बनाएँ।
औद्योगिकीकरण पर लगे कठोर लगाम,
गैर सरकारी संगठनों से भी लें हम काम।
बाघ संरक्षण को फंड भी करें इक्कठा,
बाघ बचाने का इरादा हम करें पक्का।
सोशल मीडिया पर बाघ संरक्षण कैंपेन चलाएँ,
बाघ शिकार संबंधी सख्त कानून बनाएँ।
अपनाएँगे यदि हम ये सारी नीतियाँ,
बच जाएँगी बाघों की सारी प्रजातियाँ।
आओ मिलकर एक संकल्प उठाएँ,
पशुप्रेम और मानवता का धर्म निभाएँ।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
बाघ सरंक्षण जागरूकता अभियान चलाएँ।
घटती जा रही है संख्या बाघों की प्रतिदिन,
हो जाएँगे विलुप्त बाघ जग में एक दिन।
राष्ट्रीय पशु है बाघ हमारा,
इनकी रक्षा है कर्तव्य हमारा।
बाघ शान, सतर्कता बुद्धि और धीरज का है प्रतीक,
बाघ है भारतीय उपमहाद्वीप का भी प्रतीक।
नगरीकरण और कृषि विस्तारण,
बाघों की विलुप्तता के हैं कारण।
हम सब ने किया जनसंख्या विस्तार,
बाघों की संख्या पर किया प्रहार।
बाघों की चमड़ी और हड्डी के खातिर,
अवैध शिकार में जन हो गए माहिर।
झूठी शान की खातिर लोगों ने,
बाघों की हत्या कर दी दुष्टों ने।
जलवायु परिवर्तन से, वन हो गए कम,
आवास की कमी से बाघ हो गए कम।
छह प्रजातियाँ मुख्य हैं बाघों की,
बंगाल, साइबेरियन व मलायन।
सुमात्रा, इंडो चाइनीज, साउथ चाइना,
बिन संरक्षण बचेंगे बाघ ये भी ना।
हमारी पीढ़ियाँ चित्रों में ही देखेगी बाघ,
यदि ना किए जतन हमने बचाने के बाघ।
समय रहते हम सब अपना फर्ज निभाएँ,
बाघ बचाने के कुछ नियम अपनाएँ।
गाँव शहरों में जागरूकता अभियान चलाएँ,
सरकारों संग आमजनों को भी भागीदार बनाएँ।
औद्योगिकीकरण पर लगे कठोर लगाम,
गैर सरकारी संगठनों से भी लें हम काम।
बाघ संरक्षण को फंड भी करें इक्कठा,
बाघ बचाने का इरादा हम करें पक्का।
सोशल मीडिया पर बाघ संरक्षण कैंपेन चलाएँ,
बाघ शिकार संबंधी सख्त कानून बनाएँ।
अपनाएँगे यदि हम ये सारी नीतियाँ,
बच जाएँगी बाघों की सारी प्रजातियाँ।
आओ मिलकर एक संकल्प उठाएँ,
पशुप्रेम और मानवता का धर्म निभाएँ।
रचनाकार
सपना,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय उजीतीपुर,
विकास खण्ड-भाग्यनगर,
जनपद-औरैया।
बहुत सुन्दर रचना
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