३८०~ राजकुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय रूपा धमना, क्षेत्र- मऊरानीपुर, झांसी (उत्तर प्रदेश)

🏅अनमोल रत्न🏅


मित्रों आज हम आपका परिचय मिशन शिक्षण संवाद के माध्यम से जनपद- झाँसी से अनमोल रत्न शिक्षक साथी भाई राजकुमार जी से करा रहे हैं। जिन्होंने अपनी सकारात्मक सोच और समर्पित व्यवहार कुशलता से न सिर्फ अपने विद्यालय को सामाजिक विश्वास का केन्द्र बनाया बल्कि विद्यालय के विद्यार्थियों के बालमन को भी प्रेम और वात्सल्य से आकर्षित कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। जो एक आदर्श शिक्षक की वास्तविक पहचान है जब बच्चे शिक्षक के प्रभाव से प्रभावित होकर उनमें शिक्षक होने का विश्वास स्थापित कर सके। ऐसे कर्मयोगी अनमोल रत्न को मिशन शिक्षण संवाद परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ🙏

आइये देखते हैं आपके द्वारा किए गये कुछ प्रेरक और अनुकरणीय प्रयासों को:

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👉1- परिचय:- राजकुमार
पूर्व माध्यमिक विद्यालय रूपा धमना, क्षेत्र- मऊरानीपुर, झांसी (उत्तर प्रदेश)

नियुक्ति तिथि:- 06-01-2006
पदोन्नति तिथि:- 29-02-2010

👉2 - विद्यालय की समस्याएं:-
जब मैंने झांसी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय टकटौली, ब्लॉक- मऊरानीपुर, झांसी में इंचार्ज प्रधानाध्यापक के पद पर ज्वाइन किया तो पाया कि विद्यालय में नामांकन तो पर्याप्त था। (281) किंतु बच्चों की पढ़ने में कोई रुचि नहीं थी। विद्यालय में ठहराव नहीं था। बच्चे साफ-सफाई के प्रति उदासीन थे। अक्सर यूं ही विद्यालय आ जाते थे। पूरे फर्श और खिड़की दरवाजे टूटे हुए थे। बहुत समस्या थी। विद्यालय में अक्सर असामाजिक तत्व शाम को महफिल जमा किया करते थे।

👉3- समस्याओं के समाधान के
लिए प्रयास:-
गांव में सबसे पहले स्कूल से संबंधित प्रमुख समस्या विद्यालय में बच्चों का ठहराव हेतु प्रयास किया गया। उसके लिए ग्राम प्रधान व ग्राम वासियों से व्यक्तिगत संपर्क किया गया तो पाया कि अधिकांश ग्रामवासियों की मानसिकता यह है कि सरकारी स्कूल में पठन-पाठन नहीं होता है। उन्हें बारम्बार समझाने पर उन्हें विश्वास में लिया गया और अपनी व सहायक अध्यापक की पूर्ण लगन व निष्ठा से बच्चों में अध्ययन के प्रति रुचि जागृत करने में कामयाब हुए और विश्वास कायम किया।
चूंकि विद्यालय परिवेश का भी शिक्षण में बहुत अहम योगदान होता है अतः हर संभव प्रयास किया कि विद्यालय का परिवेश सुंदर व आकर्षक हो ताकि बच्चे विद्यालय आकर प्रसन्नचित्त हो इसके लिए आकर्षक पेंटिंग की रंगाई- पुताई करवाई गई।

👉4- विद्यालय की प्रेरक शिक्षण गतिविधियाँ:-


👉a - सबसे पहले इसी बात पर ध्यान दिया गया कि शिक्षण कार्य आकर्षक हो अतः गतिविधि आधारित शिक्षण कार्य पर जोर दिया गया।
👉b - बच्चों को जीवनी और कहानी के माध्यम से पठन-पाठन से जोड़ा गया। शिक्षण रुचिकर और उत्तम हो उसकी संप्राप्ति हेतु मोबाइल व लैपटॉप का सहारा लिया गया।
👉c - विज्ञान / गणित थोड़े से दुष्कर विषय समझे जाते हैं अतः इन विषयों के पाठ को प्रभावी बनाने के लिए "कबाड़ से जुगाड़" माध्यम से TLM का निर्माण बच्चों के सहयोग से किया गया। विषय और अध्यायवार TLM का निर्माण किया गया। जिससे लाभ यह हुआ कि बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का सृजन हुआ और जिज्ञासु प्रवृत्ति का विकास हुआ।
👉d- प्रतिदिन स्वच्छ्ता संबंधी जांच व जानकारी दी गई।
👉e- प्रतिदिन 5 - 5 योग अभ्यास और P.T. करवाई गई।
👉f- प्रतिदिन सामान्य जानकारी के प्रश्नों की परिचर्चा की गई।
👉g- कुछ सामाजिक कार्यों और नैतिक मूल्यों को जो हमारे जीवन हेतु उपयोगी हैं उनमें "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" और वृक्षारोपण हेतु वृहद स्तर पर कार्य किया।










👉5- विद्यालय और बच्चों की उपलब्धियां:-
बच्चों को विद्यालय में विभिन्न प्रकार के खेल खिलाये जाते है। बच्चों में NPRC / Block लेवल पर प्रतिभाग भी किया है और पुरुस्कृत भी हुए हैं।

👉6 - शिक्षक और विद्यालय परिवार की उपलब्धियां:-
वर्तमान में अब ये स्थिति है कि यदि विद्यालय किसी कारण न आ पाएं तो बच्चे उदास व निराश हो जाते हैं और फ़ोन करके न आने का कारण पूछते हैं। बच्चों का असीम स्नेह और प्यार देखकर बहुत अच्छा महसूस होता है।

👉7 - मिशन शिक्षण संवाद के लिए आपका संदेश:-
निःसंदेह मिशन शिक्षण संवाद प्रत्येक अध्यापकों के लिए एक सुअवसर प्रदान करता है। जिससे कि वे अपने उत्कृष्ट कार्यों व विचारों को एक दूसरे से साझा कर सकते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शिक्षा और पठन - पाठन के उन्नयन में सहयोग करता है। दुःख सिर्फ इस बात का है कि लंबे समय से जुड़े रहने के बाद भी मुझे कोई पहचान नहीं मिली। इस परिवार की द्वेष भावना से मुक्त होना हम सभी के लिए अच्छा होगा।

👉8- शिक्षक समाज के लिए सुझाव व संदेश:-
मेरे लिए अपने शिक्षक के लिए यही संदेश है कि आपका विद्यालय आकर्षक हो, पठन- पाठन रुचिकर हो, अध्यापक पूरी निष्ठा, कर्मठता से अध्यापन कार्य कराएं। हम जो भी शिक्षा दे रहे हों, उसके केंद्रबिंदु बच्चे हो और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपका बच्चे से रिश्ता आत्मीय और भावनात्मक हो, अनुशासन भी बनाए रखें किंतु स्पर्श और कोमल भावनाओं का अमिट स्थान है। एक बच्चे के लिए एक अच्छे शिक्षक से ज्यादा आदर्श व्यक्तित्व समाज में नहीं होता।

धन्यवाद सहित !
नोट - मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि 23/08/2019 से मैं वर्तमान विद्यालय ups roopa Dhamna में पढ़ा रहा हूं। यहां भी पूर्व विद्यालय के कार्य और अनुभव अनवरत जारी है।

संकलन एवं सहयोग
मनुजा द्विवेदी/
ज्योति कुमारी
मिशन शिक्षण संवाद

नोट:- मिशन शिक्षण संवाद परिवार में शामिल होने एवं अपना, अपने जनपद अथवा राज्य के आदर्श विद्यालयों का अनमोल रत्न में विवरण भेजने तथा मिशन शिक्षण संवाद से सम्बंधित शिकायत, सहयोग, सुझाव और विचार को मिशन शिक्षण संवाद के जनपद एडमिन अथवा राज्य प्रभारी अथवा 9458278429 अथवा 7017626809 और ई-मेल shikshansamvad@gmail.com पर भेज सकते हैं।

विमल कुमार
टीम मिशन शिक्षण संवाद
15-11-2019

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