बाल दिवस
20 नवम्बर अन्तर्राष्ट्रीय बाल दिवस सम्पूर्ण विश्व मनाए
चाचा नेहरू जन्मदिवस पर बाल दिवस भारत देश मनाए।
मैं हूँ बच्चा मुझसे पूछो बाल दिवस कैसा हो?
मैं कहता हूँ मुझ जैसे ही बच्चों के मन जैसा हो।
टोका टोकी बात-बात पर, मेरा मन भी तो जानो
अन्तर्निहित मेरी शक्ति अभिव्यक्ति को भी पहचानो।
हर बच्चा चाहे पढ़ना-लिखना, पढ़ने का अधिकार मिले
बाल मजदूरी जड़ से खतम हो भूखा न कोई बच्चा मिले।
14 नवंबर बाल दिवस सा ही हर दिन बार मिले
बाल तिरस्कार का न किसी को अधिकार मिले।
जीवन की आपाधापी में बच्चा न कोई खो जाए
शिक्षा, स्वास्थ्य मिले सबको ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
बाल भविष्य उज्जवल हो ऐसे कर्तव्य अधिकार बताएँ
एक बार फिर बच्चों सा सरल सहज जीवन अपनाएँ।
जीवन मूल्यों को अपनाकर जीने की कला सिखाएँ
आओ हम सब मिलकर फिर ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
बच्चे होते मन के सच्चे, सच्चा ही रहना सिखलाएँ
कोमल मन को न ठेस लगे ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
रचयिता
प्रेमलता सजवाण,
सहायक अध्यापक,
रा.पू.मा.वि.झुटाया,
विकास खण्ड-कालसी,
जनपद-देहरादून,
उत्तराखण्ड।
चाचा नेहरू जन्मदिवस पर बाल दिवस भारत देश मनाए।
मैं हूँ बच्चा मुझसे पूछो बाल दिवस कैसा हो?
मैं कहता हूँ मुझ जैसे ही बच्चों के मन जैसा हो।
टोका टोकी बात-बात पर, मेरा मन भी तो जानो
अन्तर्निहित मेरी शक्ति अभिव्यक्ति को भी पहचानो।
हर बच्चा चाहे पढ़ना-लिखना, पढ़ने का अधिकार मिले
बाल मजदूरी जड़ से खतम हो भूखा न कोई बच्चा मिले।
14 नवंबर बाल दिवस सा ही हर दिन बार मिले
बाल तिरस्कार का न किसी को अधिकार मिले।
जीवन की आपाधापी में बच्चा न कोई खो जाए
शिक्षा, स्वास्थ्य मिले सबको ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
बाल भविष्य उज्जवल हो ऐसे कर्तव्य अधिकार बताएँ
एक बार फिर बच्चों सा सरल सहज जीवन अपनाएँ।
जीवन मूल्यों को अपनाकर जीने की कला सिखाएँ
आओ हम सब मिलकर फिर ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
बच्चे होते मन के सच्चे, सच्चा ही रहना सिखलाएँ
कोमल मन को न ठेस लगे ऐसा बाल दिवस मनाएँ।
रचयिता
प्रेमलता सजवाण,
सहायक अध्यापक,
रा.पू.मा.वि.झुटाया,
विकास खण्ड-कालसी,
जनपद-देहरादून,
उत्तराखण्ड।
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