गुरु पर्व
गुरुनानक देव जी का जन्मदिन,
गुरु पर्व और प्रकाश पर्व कहलाया।
सर्वत्र कार्तिक पूर्णिमा के दिन,
श्रद्धा और उल्लास से मनाया।
सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकले,
सभी लोग मिलजुलकर निकले।
गुरुद्वारे में कीर्तन करते हैं,
श्रद्धा से रुमाल चढ़ाते हैं।
श्रद्धानुसार दान पुण्य करें,
सभी मिल उपासना करें।
गुरुपूरब नाम से भी जाना जाए,
गुरुओं का उत्सव कहलाया जाए।
गुरुनानक जी के कार्य महान,
प्राप्त किया कई भाषाओं में ज्ञान।
घर छोड़ गुरुनानक जी चल दिए,
एक सन्यासी का रूप धर लिए।
लोगों की मदद का प्रयास किया,
अपने विचार पहुँचाने का प्रयास किया।
गुरुनानक जी को करें हम नमन,
दुनिया में खिलाया प्यार का चमन।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
गुरु पर्व और प्रकाश पर्व कहलाया।
सर्वत्र कार्तिक पूर्णिमा के दिन,
श्रद्धा और उल्लास से मनाया।
सुबह-सुबह प्रभात फेरी निकले,
सभी लोग मिलजुलकर निकले।
गुरुद्वारे में कीर्तन करते हैं,
श्रद्धा से रुमाल चढ़ाते हैं।
श्रद्धानुसार दान पुण्य करें,
सभी मिल उपासना करें।
गुरुपूरब नाम से भी जाना जाए,
गुरुओं का उत्सव कहलाया जाए।
गुरुनानक जी के कार्य महान,
प्राप्त किया कई भाषाओं में ज्ञान।
घर छोड़ गुरुनानक जी चल दिए,
एक सन्यासी का रूप धर लिए।
लोगों की मदद का प्रयास किया,
अपने विचार पहुँचाने का प्रयास किया।
गुरुनानक जी को करें हम नमन,
दुनिया में खिलाया प्यार का चमन।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
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