चंदा मामा
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
दूध-मलाई खाते हो क्या?
काजू- बर्फी लाते हो या?
छुपन-छुपाई पसंद है तुमको,
या गाते गाना सा रे गा मा।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
इतने ऊपर क्यों हो रहते?
थक जाता मैं कहते-कहते,
थोड़ी देर को नीचे आकर,
मेरी बातें सुनते जाना।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
गुमसुम से क्यों बैठे रहते?
कभी किसी से कुछ न कहते,
कभी आते, कभी छुप जाते,
डाँट लगाते हैं क्या नाना?
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
दिन में सोते, रात में जगते,
तभी लगते हो थकते-थकते,
आज रात को जल्दी आकर
संग मेरे तुम दौड़ लगाना।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।
मेरे प्यारे चंदा मामा।
दूध-मलाई खाते हो क्या?
काजू- बर्फी लाते हो या?
छुपन-छुपाई पसंद है तुमको,
या गाते गाना सा रे गा मा।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
इतने ऊपर क्यों हो रहते?
थक जाता मैं कहते-कहते,
थोड़ी देर को नीचे आकर,
मेरी बातें सुनते जाना।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
गुमसुम से क्यों बैठे रहते?
कभी किसी से कुछ न कहते,
कभी आते, कभी छुप जाते,
डाँट लगाते हैं क्या नाना?
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
दिन में सोते, रात में जगते,
तभी लगते हो थकते-थकते,
आज रात को जल्दी आकर
संग मेरे तुम दौड़ लगाना।
चंदा मामा, चंदा मामा,
मेरे प्यारे चंदा मामा।
रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।
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