बलिदान

साक्षात शक्ति का अवतार हो तुम
वीरता की मिसाल हो तुम
भारत का गौरव हो तुम
भारत का कोहिनूर हो तुम
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
रूप में सुन्दर तुम
गुण में सुन्दर तुम
मणिकर्णिका हो तुम
बेटी और रानी का मान हो तुम
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
पदार्थ की मूल इकाई है परमाणु
आन्दोलन की मूलाधार हो तुम
हो गई भारत पर क़ुर्बान तुम
हो गई विश्वविख्यात तुम
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
नारी का अभिमान हो तुम
सत्य का प्रमाण हो तुम
सत्यमेव जयते का अभिमान हो तुम
सत्य की शक्ति को नमन
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
हो बेटी तुम्हारे जैसी
भारत माँ को है जिस पर नाज
चाहिए साथ तुम्हारा आज
भारत माँ को हो हर बेटी पर नाज
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
झाँसी, झाँसी क्या कहती है झाँसी
झंडा ऊँचा रखना तुम
तुम, तुम में भेद न करना तुम
रानी का बलिदान अमर रखना तुम
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
सत्य की तरंगों का संचार करो तुम
सत्य की शक्ति को स्थापित करो तुम
हो सत्यमेव जयते का गुंजन
मानव का कल्याण करो तुम
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन।
ये धरती करती है आपको नमन
गगन में गूँजे आपका गुंजन
सूरज और चाँद करें नमन
कोटि-कोटि नमन, कोटि-कोटि नमन
आपको नमन, आपको नमन।।

रचयिता
अर्चना गुप्ता,
प्रभारी अध्यापिका, 
पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिजौरा,
विकास खण्ड-बंगरा,
जिला-झाँसी।

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