अमन चैन के भाव
हम तो मिलकर अमन करेंगे।
देश में अपने चमन करेंगे।
भेदभाव में फँसे रहे तो।
जीवन व्यर्थ गमन करेंगे।।
अपना तो यह देश निराला।
उन्नति को मिल जतन करेंगे।।
गंगा जमुनी अपनी संस्कृति।
संस्कारों को नमन करेंगे।।
राष्ट्र एक राष्ट्र धर्म एक है।
द्वेष बैर का दमन करेंगे।।
नव संतति को शांति प्रेम दे।
नूतन युग का सृजन करेंगे।।
विष बोने वाले मानव को।
नहीं कभी हम सहन करेंगे।।
भारत में जन्मे जन वो सब।
भारत माँ को नमन करेंगे।।
रचयिता
श्रीमती नैमिष शर्मा,
सहायक अध्यापक,
परिषदीय संविलियित पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेहरा,
विकास खंड-मथुरा,
जिला-मथुरा।
उत्तर प्रदेश।
देश में अपने चमन करेंगे।
भेदभाव में फँसे रहे तो।
जीवन व्यर्थ गमन करेंगे।।
अपना तो यह देश निराला।
उन्नति को मिल जतन करेंगे।।
गंगा जमुनी अपनी संस्कृति।
संस्कारों को नमन करेंगे।।
राष्ट्र एक राष्ट्र धर्म एक है।
द्वेष बैर का दमन करेंगे।।
नव संतति को शांति प्रेम दे।
नूतन युग का सृजन करेंगे।।
विष बोने वाले मानव को।
नहीं कभी हम सहन करेंगे।।
भारत में जन्मे जन वो सब।
भारत माँ को नमन करेंगे।।
रचयिता
श्रीमती नैमिष शर्मा,
सहायक अध्यापक,
परिषदीय संविलियित पूर्व माध्यमिक विद्यालय तेहरा,
विकास खंड-मथुरा,
जिला-मथुरा।
उत्तर प्रदेश।
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