नेहरु चाचा
बाल दिवस है आया
बच्चों का मन उत्साहा
हैप्पी बर्थडे हैप्पी बर्थडे
प्यारे चाचा नेहरु चाचा।
14 नवम्बर 1889 को
इलाहबाद में जन्म हुआ
पाकर ऐसे व्यक्तित्व को
सबका मन प्रसन्न हुआ।
पहली शिक्षा पायी घर में
फिर इंग्लैंड प्रस्थान किया
बड़े-बड़े प्रसिद्ध संस्थानों से
चाचा ने शिक्षण प्राप्त किया।
पेशे से तो वकील बने पर
रुचि थी अध्ययन में भारी
अपनी लेखनी की स्याही से
कई किताबें लिख डालीं।
बहुमुखी प्रतिभा थी और
थे चाचा ओजस्वी वक्ता भी
प्रथम प्रधान हुए भारत के
और थे संविधान निर्माता भी।
देश ही नही विदेशों में भी
प्रसिद्द चाचाजी का नाम हुआ
शान्ति व सहयोग पाठ पढ़ाया
गुटनिरपेक्ष व पंचशील सिद्धांत दिया
देशप्रेम था दिल में उनके
बच्चों को दिल से प्रेम किया
1964 में रुक गई धडकनें
और दिल ने फिर अलविदा कहा।
ऐसे थे प्यारे चाचा नेहरू चाचा।
हैप्पी बर्थडे, हैप्पी बर्थडे।।
रचयिता
अनु चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय शंकरपुर,
विकास खण्ड-फरीदपुर,
जनपद-बरेली।
बच्चों का मन उत्साहा
हैप्पी बर्थडे हैप्पी बर्थडे
प्यारे चाचा नेहरु चाचा।
14 नवम्बर 1889 को
इलाहबाद में जन्म हुआ
पाकर ऐसे व्यक्तित्व को
सबका मन प्रसन्न हुआ।
पहली शिक्षा पायी घर में
फिर इंग्लैंड प्रस्थान किया
बड़े-बड़े प्रसिद्ध संस्थानों से
चाचा ने शिक्षण प्राप्त किया।
पेशे से तो वकील बने पर
रुचि थी अध्ययन में भारी
अपनी लेखनी की स्याही से
कई किताबें लिख डालीं।
बहुमुखी प्रतिभा थी और
थे चाचा ओजस्वी वक्ता भी
प्रथम प्रधान हुए भारत के
और थे संविधान निर्माता भी।
देश ही नही विदेशों में भी
प्रसिद्द चाचाजी का नाम हुआ
शान्ति व सहयोग पाठ पढ़ाया
गुटनिरपेक्ष व पंचशील सिद्धांत दिया
देशप्रेम था दिल में उनके
बच्चों को दिल से प्रेम किया
1964 में रुक गई धडकनें
और दिल ने फिर अलविदा कहा।
ऐसे थे प्यारे चाचा नेहरू चाचा।
हैप्पी बर्थडे, हैप्पी बर्थडे।।
रचयिता
अनु चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय शंकरपुर,
विकास खण्ड-फरीदपुर,
जनपद-बरेली।
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