महिला सशक्तीकरण 177,अर्चना सिंह ,फतेहपुर
*👩👩👧👧महिला सशक्तीकरण विशेषांक-177*
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*मिशन शिक्षण संवाद परिवार की बहनों की संघर्ष और सफ़लता की कहानी*
(दिनाँक- 18 नवम्बर 2019)
नाम- श्रीमती अर्चना सिंह
पद-प्रधानाध्यापक
विद्यालय- प्राथमिक विद्यालय चाँदपुर, भिटौरा, फ़तेहपुर।
*सफलता एवं संघर्ष की कहानी :-*
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💁🏻 हर माँ का एक सपना होता है कि वह अपने बच्चे को कुछ बनते हुए देखे। मेरी माँ ने भी अपने बच्चे को टीचर बनाने का सपना देखा। विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्षरत रहते हुए उन्होंने अपने सपने को पूर्ण होते देखा। उनके सिखाये मूलमन्त्रों का अनुकरण मैं अपने विद्यालय में करने का भरसक प्रयास करती हूँ तथा *practice makes a man perfect* के आधार पर चलकर बच्चों का सर्वांगीण विकास करने का पूरा प्रयत्न करती हूँ।
*संस्कारपरक शिक्षा-* हम जैसा आचरण करते हैं बच्चे वैसा ही सीखते हैं। बच्चों को संस्कारपरक शिक्षा देना हमारा कर्तव्य है। इसके लिए मेरे विद्यालय के प्रत्येक बच्चे की सुबह की शुरुआत धरती माँ को प्रणाम के साथ करते हुए होती है। उसके बाद, प्रार्थना, योगा, प्राणायाम और प्रेरणागीत आदि किया जाता है। साथ ही इन सब को आचरण में लाने का प्रयास किया जाता है। इसके अलावा मध्यान्ह भोजन करने से पहले भोजन मन्त्र किया जाता है।
*अनुशासित वातावरण-* सन 2010 में मैं जब बर्तमान विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्त हुई। विद्यालय का वातावरण देखकर मन बहुत उदास था। लेकिन धीरे-धीरे निरन्तर प्रयास के द्वारा आज विद्यालय का वातावरण स्वच्छ, सुन्दर एवं अनुशासित है। अभिवादन, भाषाशैली, छोटी-छोटी मगर मोटी बातें, आदि से वातावरण को अनुशासित करने का प्रयास रहता है।
*विभिन्न नवाचारों का प्रयोग-* छोटे से गाँव के छोटे से स्कूल के सभी बच्चे योग्य नागरिक बनकर स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में सहायक हों, इस प्रयास के अन्तर्गत विभिन्न विषयों की शिक्षा अभिनव शिक्षण तकनीकि, TLM, छात्र हस्ताक्षर पंजिका, जन्मदिन आयोजन, बाल संसद, स्टार ऑफ द मन्थ, गीतों के माध्यम से शिक्षण आदि के द्वारा प्रदान की जा रही है।
*सामाजिक जागरूकता-* विद्यालय के माध्यम से सामाजिक जागरूकता लाने के उद्देश्य से अध्यापक अभिभावक बैठकों का नियमित आयोजन किया जाता है। इसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास पर चर्चा के साथ उनके साथ घर और किये जाने वाले व्यवहार, उन्हें प्रेम पूर्वक समझाना, उन्हें समय देना, उनकी बातों को ध्यान से सुनना आदि पर चर्चा की जाती है।
इसके अतिरिक्त अभिभावकों की साक्षरता पर बल दिया जाता है। इसके अतिरिक्त परिवेश को सामाजिक बुराइयों से मुक्त करने हेतु समय समय पर संगोष्ठियों का आयोजन एवं घर-घर सम्पर्क भी किया जाता है।
_✏संकलन_
*📝टीम मिशन शिक्षण संवाद।*
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