छू लो तुम आकाश को
छू लो तुम आकाश को,
भर लो नयी उमंग।
डोर हाथ में रहे तुम्हारी,
ऊँची उड़े पतंग।
हार तुम्हारी कभी न हो,
जीत लो सब जंग।
कर्म करोगे मन से जब तुम,
मेहनत लाएगी रंग
चाँद सितारों से भी ऊपर,
चमकोगे सूरज के संग
देखेगी जब दुनिया तुमको,
रह जाएगी दंग
रचयिता
डॉ0 ललित कुमार,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
भर लो नयी उमंग।
डोर हाथ में रहे तुम्हारी,
ऊँची उड़े पतंग।
हार तुम्हारी कभी न हो,
जीत लो सब जंग।
कर्म करोगे मन से जब तुम,
मेहनत लाएगी रंग
चाँद सितारों से भी ऊपर,
चमकोगे सूरज के संग
देखेगी जब दुनिया तुमको,
रह जाएगी दंग
रचयिता
डॉ0 ललित कुमार,
प्रधानाध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय खिजरपुर जोशीया,
विकास खण्ड-लोधा,
जनपद-अलीगढ़।
अद्वितीय रचना
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