अबुल कलाम जी
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाएँ हम,
जाने क्यों मनाएँ हम।
शिक्षा का उत्थान किया,
जिसे सभी ने नमन किया।
11 नवम्बर 1888 को जन्म हुआ,
नाम जिनका अबुल कलाम आजाद हुआ।
भारत को अमूल्य योगदान दिए,
उनके कार्यों के आगे नतमस्तक हुए।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बने,
विद्वान, कवि, लेखक, पत्रकार बने।
महात्मा गांधी जी का समर्थन किया,
हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्पण जिया।
आजादी के बाद मुख्य पद मिला,
महत्वपूर्ण राजनीतिक पद मिला।
खिलाफत आंदोलन में भूमिका रही,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भूमिका रही।
प्रेसिडेंट सबसे कम उम्र में बने,
भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
भारत को शिक्षण संस्थाओं का वरदान,
जिनसे बढ़े भारत की शान और मान।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
जाने क्यों मनाएँ हम।
शिक्षा का उत्थान किया,
जिसे सभी ने नमन किया।
11 नवम्बर 1888 को जन्म हुआ,
नाम जिनका अबुल कलाम आजाद हुआ।
भारत को अमूल्य योगदान दिए,
उनके कार्यों के आगे नतमस्तक हुए।
भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बने,
विद्वान, कवि, लेखक, पत्रकार बने।
महात्मा गांधी जी का समर्थन किया,
हिन्दू-मुस्लिम एकता का समर्पण जिया।
आजादी के बाद मुख्य पद मिला,
महत्वपूर्ण राजनीतिक पद मिला।
खिलाफत आंदोलन में भूमिका रही,
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भूमिका रही।
प्रेसिडेंट सबसे कम उम्र में बने,
भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने।
भारत को शिक्षण संस्थाओं का वरदान,
जिनसे बढ़े भारत की शान और मान।
रचयिता
रीना सैनी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय गिदहा,
विकास खण्ड-सदर,
जनपद -महाराजगंज।
उत्कृष्ट
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