शेर चूहे में हुई दोस्ती

शेर चूहे में हुई दोस्ती,
दोनों बन गए पक्के यार,
चूहा शेर के साथ खेलता,
करने लगा शेर से प्यार।

रोज़ ही उससे मिलने आता,
आकर उसके संग बतियाता,
इधर-उधर की खबर बताकर,
ढेर सारी बातें बनाता।

ऊपर चढ़ता, नीचे चढ़ता,
दायें चढ़ता, बायें चढ़ता,
नहीं उसको अब डर किसी का,
करता है सब मन मर्जी का।

बिल्ली पर है रौब मारता,
कुत्ते को दौड़ाता,
अगर कोई बात न माने,
शेर की धौंस दिखाता।

छोटा जानकर चूहे को,
जिसने भी था सताया,
उससे चूहा गिन गिन कर,
अब बदले पूरे कर आया।।

रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।

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