टॉमी
मैंने पाला, पिल्ला काला,
भूरी-भूरी आँखों वाला,
नाम है उसका रखा टॉमी,
पसंद है उसको मिश्री-चीनी।
नियमित डॉक्टर जाँच कराता,
बीमारियों से उसे बचाता।
खिलाती हूँ उसको दूध और रोटी,
परहेज है उसका खाने से बोटी।
हष्ट-पुष्ट वह बन गया है,
उसका हर एक ढंग नया है।
घर की करने लगा है रखवाली,
ख़ूबी इतनी, हर बात मनवा ली।
मेरा टॉमी, मेरा प्यारा बच्चा,
लगता मुझको सबसे अच्छा।।
रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।
भूरी-भूरी आँखों वाला,
नाम है उसका रखा टॉमी,
पसंद है उसको मिश्री-चीनी।
नियमित डॉक्टर जाँच कराता,
बीमारियों से उसे बचाता।
खिलाती हूँ उसको दूध और रोटी,
परहेज है उसका खाने से बोटी।
हष्ट-पुष्ट वह बन गया है,
उसका हर एक ढंग नया है।
घर की करने लगा है रखवाली,
ख़ूबी इतनी, हर बात मनवा ली।
मेरा टॉमी, मेरा प्यारा बच्चा,
लगता मुझको सबसे अच्छा।।
रचयिता
ज्योति चौधरी,
सहायक अध्यापक,
प्राथमिक विद्यालय इस्लामनगर
विकास खण्ड-मुरादाबाद,
जनपद-मुरादाबाद।
Nice poems
ReplyDeleteThanks
DeleteNice poem
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