जल है तो कल है
तर्ज-तेरा मेरा प्यार अमर....
जल ही जीवन
जल से ये तन,
जल से ही है, सारा चमन।
जल यदि ना होगा तो,
प्यासी होगी ये धरा।
उगेगी न वनस्पति,
बंजर होगी ये धरा।
न होंगे पौधे, न ऑक्सीजन,
मिलेगा ना ही हमें भोजन।
जल ही जीवन.......
कोशिश करनी होगी हमें,
वर्षा जल का हो संचय।
मिलेगा तभी तो भूमिगत जल,
सुरक्षित रहेगा, तभी तो कल।
तभी तो बचेगा ये जीवन,
फूले- फलेगा, जनजीवन।
जल ही जीवन.....
बदलनी होगी आदतें,
जल के अपव्यय करने की
बनना होगा मितव्ययी,
आयी है संकट की घड़ी।
बरतनी होगी सावधानी,
सभी को मिलेगा तभी पानी
जल ही जीवन......
आज प्रदूषित हो रहा,
है धरती का पानी भी।
लेना होगा प्रण हमें,
साफ रखेंगे पानी भी।
मिटेगी गंदगी प्रदूषण,
खुशहाल बनेगा मानव जन।
जल ही जीवन,
जल से ये तन।
जल से ही है, सारा चमन।
रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।
जल ही जीवन
जल से ये तन,
जल से ही है, सारा चमन।
जल यदि ना होगा तो,
प्यासी होगी ये धरा।
उगेगी न वनस्पति,
बंजर होगी ये धरा।
न होंगे पौधे, न ऑक्सीजन,
मिलेगा ना ही हमें भोजन।
जल ही जीवन.......
कोशिश करनी होगी हमें,
वर्षा जल का हो संचय।
मिलेगा तभी तो भूमिगत जल,
सुरक्षित रहेगा, तभी तो कल।
तभी तो बचेगा ये जीवन,
फूले- फलेगा, जनजीवन।
जल ही जीवन.....
बदलनी होगी आदतें,
जल के अपव्यय करने की
बनना होगा मितव्ययी,
आयी है संकट की घड़ी।
बरतनी होगी सावधानी,
सभी को मिलेगा तभी पानी
जल ही जीवन......
आज प्रदूषित हो रहा,
है धरती का पानी भी।
लेना होगा प्रण हमें,
साफ रखेंगे पानी भी।
मिटेगी गंदगी प्रदूषण,
खुशहाल बनेगा मानव जन।
जल ही जीवन,
जल से ये तन।
जल से ही है, सारा चमन।
रचयिता
सुमन पांडेय,
प्रधानाध्यापिका,
प्राथमिक विद्यालय टिकरी मनौटी,
शिक्षा क्षेत्र -खजुहा,
जनपद-फतेहपुर।
Very nice poem
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